मुंबई. 20 अक्टूबर साल 1995 बड़े पर्दे पर रिलीज हुई एक ऐसी फिल्म जिसने पूरी एक पीढ़ी को रोमांस की नई परिभाषा दी। ये फिल्म है दिलवाले दुल्हनियां ले जाएंगे, जिसका जिक्र अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से लेकर पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा ने भी किया है। आपको ये जानकार हैरानी होगी कि शाहरुख खान जब डीडीएलजे की शूटिंग कर रहे थे, तब उनकी बहन बीमार थीं।
शाहरुख खान ने एक इंटरव्यू में बताया था- ‘मेरे पिता ताज मोहम्मद खान की मौत का मेरी बहन शहनाज को काफी सदमा लगा था। इस सदमे से वह अपना मानसिक संतुलन खो बैठी थी। वह दो साल तक इससे उबर नहीं पाई थीं।’
शाहरुख आगे कहते हैं- ‘मैं दिलवाले दुल्हनियां ले जाएंगे के गाने तुझे देखा तो ये जाना सनम की शूटिंग कर रहा था तो एक बार फिर उसकी तबीयत बिगड़ गई। डॉक्टर्स ने जवाब दे दिया था। हम उन्हें इलाज के लिए स्विट्जरलैंड ले गए। इलाज के बाद वह ठीक हो गई।’
शाहरुख खान नहीं थे पहली पसंद
दिलवाले ने बॉलीवुड को राज और सिमरन कपल दिया। इस फिल्म ने शाहरुख खान को किंग ऑफ रोमांस स्थापित कर दिया। हालांकि, डायरेक्टर आदित्य चोपड़ा शाहरुख खान की जगह हॉलीवुड स्टार टॉम क्रूज को कास्ट करना चाहते थे। यश चोपड़ा ने उन्हें समझाया कि टॉम के साथ ऑडियंस कनेक्ट नहीं करेगी।
शाहरुख खान ने इस फिल्म को मना कर दिया था। आदित्य चोपड़ा ने शाहरुख से कहा कि ‘जब तक देश की मां-दादियों सहित हर महिला के दिल में जगह नहीं बनाओगे, तब तक सुपरस्टार नहीं बन पाओगे।’ शाहरुख ने फिल्म को हां कह दिया।
जब घोड़े से गिरने वाले थे परमीत सेठी
फिल्म में काजोल के मंगेतर का किरदार कुलजीत का किरदार निभाया था। परमीत सेठी ने बताया कि फिल्म में वह एक बड़े हादसे बचे थे। परमीत ने इंटरव्यू में बताया था कि मुझे पहले सीन में घुड़सवारी करनी थी। मुझे शाहरुख ने सावधान रहने की सलाह दी थी।
परमीत के मुताबिक- ‘मैं बिना सोचे-समझे घोड़े पर जा बैठा। मुझे ये बात मालूम नहीं थी कि घोड़ा ट्रेंड नहीं है और कुछ ही देर बाद वह बेकाबू हो गया और जोर से भागने लगा था। मेरा उस पर कंट्रोल नहीं रहा। मैं उसकी गर्दन से लटक गया था। उस वक्त घोड़े का मालिक वहां पर आ गया और उसने कंट्रोल किया।’
1009 हफ्ते तक चली थी फिल्म
दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे फिल्म मुंबई के मराठा मंदिर सिनेमा हॉल में लगातार 1009 हफ्ते तक चली थी। साल 2015 में इस फिल्म को थिएटर से उतार दिया गया था। देश के इतिहास में किसी भी थिएटर में लंबे समय तक दिखाई जाने वाली यह पहली फिल्म है।