नई दिल्ली, 25 जुलाई। श्रीमती द्रौपदी मुर्मू ने आज देश के 15वें राष्ट्रपति के रूप में शपथ ली। संसद के केन्द्रीय कक्ष में आयोजित एक भव्य समारोह में प्रधान न्यायाधीश एन वी रमना ने उन्हें शपथ दिलाई।
शपथ ग्रहण के बाद राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने अपने सम्बोधन में कहा कि भारतीय लोकतंत्र की यही खूबसूरती है कि देश के दूर-दराज के इलाके की एक गरीब महिला राष्ट्रपति बनी।
उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति पद तक पहुंचना उनकी व्यक्तिगत नहीं बल्कि देश के हर गरीब की उपलब्धि है। श्रीमती मुर्मू ने कहा कि राष्ट्रपति पद के लिए उनको मनोनीत करना इस बात का प्रमाण है कि भारत में गरीब न केवल सपने देख सकते हैं, बल्कि उन्हें पूरा भी कर सकते हैं।
श्रीमती मुर्मू ने देश के समावेशी विकास के लिए समाज के वंचित लोगों के उत्थान तथा महिलाओं और युवाओं के सशक्तिकरण की दिशा में काम करने का संकल्प दोहराया।
राष्ट्रपति ने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में, महिला सशक्तिकरण के लिए किये गए निर्णयों और नीतियों के कारण देश में एक नई ऊर्जा का संचार हुआ है।
श्रीमती मुर्मू ने नए भारत की भावना और इसके वैश्विक नेता के रूप में उभरने का उल्लेख करते हुए कहा कि दुनिया को भारत से बहुत उम्मीदें हैं।
राष्ट्रपति ने कहा कि संसदीय लोकतंत्र के रूप में 75 वर्षों में भारत ने भागीदारी और आम सहमति से प्रगति के संकल्प को आगे बढ़ाया है। उन्होंने कहा कि विविधता से भरपूर देश अनेक भाषाओं, धर्मों, संप्रदायों, खान-पान, रहन-सहन और रीति-रिवाजों को अपनाकर ‘एक भारत-श्रेष्ठ भारत’ के निर्माण में लगा हुआ है।
श्री मुर्मू ने कहा कि अमृतकाल, जो स्वतंत्रता के 75 वें वर्ष के साथ शुरू होता है, भारत के लिए नए संकल्पों का समय है। उन्होंने कहा कि इन 25 वर्षों में अमृतकाल के लक्ष्यों को प्राप्त करने का मार्ग है – ‘सबका प्रयास और सबका कार्तव्य’
कारगिल विजय दिवस पर देशवासियों को बधाई देते हुए श्रीमती मुर्मू ने कहा कि यह दिन सशस्त्र बलों के शौर्य का प्रतीक है। कोविड महामारी के दौरान देश के प्रयासों की सराहना करते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि दो सौ करोड़ कोविडरोधी टीके लगाना एक बड़ी उपलब्धि है। इस पूरी लड़ाई में देश के लोगों जो धैर्य, साहस और सहयोग दिखाया जो भारत की बढ़ती ताकत और संवेदनशीलता का प्रतीक है। राष्ट्रपति ने कहा कि कठिन परिस्थितियों में भी भारत ने न केवल अपने नागरिकों का ध्यान रखा बल्कि दुनिया की भी मदद की।
शपथ ग्रहण समारोह के समापन के बाद, राष्ट्रपति भवन के प्रांगण में तीनों सेनाओं की ओर से राष्ट्रपति को गार्ड ऑफ ऑनर दिया।
राज्यसभा के सभापति एम. वेंकैया नायडू, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला, केंद्रीय मंत्री, राज्यों के राज्यपाल, मुख्यमंत्री, राजनयिक मिशनों के प्रमुख, सांसद, ओर अधिकारियों सहित कई गणमान्य व्यक्ति समारोह में मौजूद थे। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू इस पद पर आसीन होने वाली पहली आदिवासी और दूसरी महिला हैं।
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