केंद्र सरकार द्वारा आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट पेश कर दी गई है। बजट से एक दिन पहले आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट संसद में पेश की गई। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने देश का वित्तीय लेखा-जोखा रखा। वित्त वर्ष 2023 के लिए जीडीपी वृद्धि 8.5 फीसदी का अनुमान बताया गया है। जानते हैं आर्थिक सर्वेक्षण के कुछ खास बिंदुओं के बारे में….
- 2022-23 में चुनौतियों का सामना करने के लिए अर्थव्यवस्था अच्छी तरह से तैयार है।
- कोरोना के कारण भारत में सप्लाई की समस्या ज्यादा गंभीर थी। मांग हमेशा बनी रही। अर्थव्यवस्था पूर्व स्तर पर पहुंच चुकी है।
- ऐसे में सरकार राजकोषीय उपायों की घोषणा कर पाने की स्थिति में है।
- वित्त वर्ष 2021-22 के लिए विकास दर 9.2 फीसदी रहेगी
- वित्त वर्ष 2022-23 के लिए अर्थव्यवस्था का अनुमान 8 से 8.5 फीसदी अनुमानित है।
- एग्रिकल्चर सेक्टर के ग्रोथ का अनुमान 3.9 फीसदी लगाया गया है।
- इंडस्ट्रियल सेक्टर में 11.8 फीसदी की तेजी का अनुमान लगाया गया है।
- चालू वित्त वर्ष के लिए सर्विस सेक्टर के ग्रोथ का अनुमान 8.2 फीसदी रखा गया है।
- वित्त वर्ष 2023 में विकास को व्यापक वैक्सीन कवरेज, आपूर्ति-पक्ष सुधार और नियमों में ढील से समर्थन मिलेगा।
- मांग प्रबंधन के बजाय आपूर्ति पक्ष में सुधार हुआ है। -अर्थव्यवस्था के पुनरुद्धार में सहायता प्रदान करने के लिए वित्तीय प्रणाली के साथ निजी क्षेत्र का निवेश अच्छी स्थिति में रहेगा।
- अगले वित्त वर्ष में वृद्धि का समर्थन करने के लिए पूंजीगत व्यय में तेजी लाने के लिए निर्यात में मजबूत वृद्धि होगी।
- कोरोना महामारी के संकट काल में कृषि क्षेत्र का योगदान सबसे अहम रहा है।
- 2021 में आईपीओ के जरिए पूर्व के वर्षों की तुलना में ज्यादा रकम जुटाई गई।
- बैंकिंग सेक्टर में लिक्विडिटी का अभाव नहीं है।बैड लोन में भी गिरावट आई है।
- PLI स्कीम को वर्तमान में 13 सेक्टर के लिए लागू किया गया है।
- कोरोना की दूसरी लहर का GST कलेक्शन पर सिमित असर रहा। जुलाई 2021 से लगातार जीएसटी कलेक्शन 1 लाख करोड़ के पार रहा है।
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