नई दिल्ली, 31 जनवरी। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने संसद में आर्थिक सर्वेक्षण 2022-23 पेश करते हुए बताया कि फाइनेंसियल ईयर 24 जीडीपी विकास दर 6-6.8% देखी गई। सीएडी और बढ़ा तो रुपया दबाव में आ सकता है। ऊंची कीमतों के बीच मजबूत घरेलू मांग से आयात बिल बढ़ेगा। वृद्धि में सहायता के लिए घरेलू मांग, पूंजीगत व्यय में वृद्धि होगी।
पिछले वित्त वर्ष में वृद्धि दर 8.7 प्रतिशत रही थी। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि अगर फाइनेंसियल ईयर 2024 में महंगाई घटती है और अगर क्रेडिट की वास्तविक लागत में वृद्धि नहीं होती है, तो वित्त वर्ष 24 में क्रेडिट ग्रोथ तेज होने की संभावना है। भारत दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था बनी रहेगी। चालू वित्त वर्ष के लिए 6.8 प्रतिशत की मुद्रास्फीति इतनी अधिक नहीं है कि निजी खपत को कम कर सके या इतनी कम नहीं है कि निवेश में कमी आएगी। भारत पीपीपी (क्रय शक्ति समानता) के लिहाज से दुनिया की तीसरी, विनिमय दर के लिहाज से दुनिया की 5वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था।
वित्त मंत्री ने कहा कि अर्थव्यवस्था ने कोरोना महामारी काल में जो खोया, वह लगभग पा लिया है, जो रुका था, बहाल हो गया। महामारी के बाद देश का पुनरुद्धार काफी तेज। वैश्विक जिंस कीमतें ऊंची स्तर पर बनी रहने से चालू खाते का घाटा बढ़ सकता है, रुपया पर भी आ सकता है दबाब। ज्यादातर अर्थव्यवस्थाओं की तुलना में भारत ने असाधारण चुनौतियों का बेहतर ढंग से सामना किया। चालू वित्त वर्ष की दूसरी छमाही में निर्यात वृद्धि में सुस्ती आई।