नई दिल्ली, 17 फरवरी। चुनाव आयोग ने एकनाथ शिंदे गुट की शिवसेना को असली माना है। चुनाव आयोग ने आज आदेश दिया कि पार्टी का नाम शिवसेना और पार्टी का प्रतीक धनुष और तीर एकनाथ शिंदे गुट द्वारा रखा जाएगा।
भारत के चुनाव आयोग ने देखा कि शिवसेना का वर्तमान संविधान अलोकतांत्रिक है। बिना किसी चुनाव के पदाधिकारियों के रूप में एक गुट के लोगों को अलोकतांत्रिक रूप से नियुक्त करने के लिए इसे विकृत कर दिया गया है। इस तरह की पार्टी की संरचना विश्वास को प्रेरित करने में विफल रहती है।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा था- चुनाव आयोग अपना काम करे
सुप्रीम कोर्ट की जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली संवैधानिक बेंच ने शिवसेना पर शिंदे गुट के दावे को लेकर चुनाव आयोग की कार्यवाही पर लगी रोक हटा दी थी। कोर्ट ने पिछले साल 27 सितंबर को अपने आदेश में कहा था कि आयोग शिवसेना के चुनाव चिह्न पर फैसला कर सकता है। यह उद्धव ठाकरे के लिए बड़ा झटका था, क्योंकि उन्होंने विधायकों की योग्यता पर फैसला होने तक इलेक्शन कमीशन की कार्यवाही पर रोक लगाने की मांग की थी।
संजय राउत ने कहा- देश में लोकतंत्र नहीं बचा
चुनाव आयोग के फैसले पर उद्धव गुट के नेता संजय राउत ने कहा कि देश में लोकतंत्र बचा ही नहीं है। सब ग़ुलाम बनकर बैठे हैं, ये लोकतंत्र की हत्या है। इस सरकार ने करोड़ो रुपये पानी की तरह बहाया है वो पानी कहां तक पहुंचा है ये दिख रहा है।हमें फिक्र करने की ज़रूरत नहीं है क्योंकि जनता हमारे साथ है। हम नया चिह्न लेकर जाएंगे और फिर एक बार यही शिवसेना खड़ी करके दिखाएंगे।