एसबीआई रिसर्च ने केंद्र सरकार को इम्पलॉई प्रोविडेंट फंड (EPF) और पब्लिक प्रोविडेंट फंड (PPF) के इंटरेस्ट रेट में समानता लाने की सुझाव दिया और कहा कि EPF और PPF की ब्याज दरें बराबर होनी चाहिए, ताकि लोग अधिक सेविंग के लिए प्रोत्साहित हो सकें। इसके साथ ही सुजाव दिया कि सीनियर सिटीजन सेविंग स्कीम पर मिलने वाले ब्याज को टैक्स फ्री किया जाए।

SBI के ग्रुप चीफ इकोनॉमिक एडवाइजर डॉ सौम्य कांति घोष  का अध्यक्षता में गठित SBI रिसर्च ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि SCSS पर मिलने वाले ब्याज को सरकार को टैक्स फ्री कर देना चाहिए और इसे कुछ हद तक टैक्स के दायरे से बाहर रखना चाहिए। इस रिपोर्ट में कहा गया कि देश में इसे लेकर विमर्श होना चाहिए कि डिपॉजिट्स पर ब्याज दरें उम्र के आधार पर मिले।

SBI रिसर्च ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि सरकार के PPF के 15 साल के लॉक-इन पीरियड को खत्म कर निवेशकों को अपने पैसे को एक निश्चित अवधि में निकालने की मंजूरी देनी चाहिए। सरकार अगर चाहे तो इसके लिए निवेशकों के इंसेटिव में कटौती के विकल्प पर विचार कर सकती है।

SBI Ecowrap की रिपोर्ट में कहा गया कि फरवरी 2020 तक इन स्कीम्स के तहत आउटस्टैंडिंग अमाउंट 73,725 करोड़ रुपये थी। अगर सरकार इस पर पूरी तरह से या एक थ्रेसहोल्ड लेवल तक टैक्स रीबेट देती है तो इसका सरकार के अकाउंट्स पर नाम मात्र का प्रभाव पड़ेगा, लेकिन इससे रिटायरमेंट स्कीम में काफी निवेश बढ़ेगा और लोगों का रिटायमेंट सुखद हो जाएगा।

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