कोरबा, 13 अगस्त। नेशनल फ्रंट ऑफ इंडियन ट्रेड यूनियन (NFITU) के राष्ट्रीय अध्यक्ष तथा कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) के सेंट्रल बोर्ड ऑफ़ ट्रस्टी के सदस्य डा. दीपक जायसवाल ने एसईसीएल (SECL) प्रबंधन पर आईडी एक्ट, भुगतान एवं माइंस एक्ट के उल्लंघन का आरोप लगाया है। इसकी शिकायत श्रम एवं रोजगार मंत्रालय के सचिव से की गई है। एनएफआईटीयू ने वर्क्स कमेटी के गठन की मांग भी की है।
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मंगलवार को डा. दीपक जायसवाल ने कोरबा प्रेस क्लब में मीडिया से चर्चा करते हुए कहा कि एसईसीएल प्रबंधन द्वारा आईडी एक्ट, भुगतान अधिनियम, माइंस एक्ट का निरंतर उल्लंघन किया जा रहा है। सुरक्षा की अनदेखी और खान मानकों का पालन नहीं किए जाने के कारण 27 जुलाई, 2024 को एसईसीएल की कुसमुंडा खदान में हुए हादसे में सहायक्र प्रबंधक जितेन्द्र नागरकर की जान चली गई।
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वर्क्स कमेटी के गठन की मांग
डा. दीपक जायसवाल ने कहा कि कोयला खदानों में कानून के अनुसार वर्कमैन इंस्पेक्टर की नियुक्ति नहीं की गई है। कोल इंडिया लिमिटेड की सभी अनुषांगिक कंपनियों में वर्क्स कमेटी का गठन होना चाहिए।
तथाकथित यूनियन के लोग हैं सेफ्टी बोर्ड के सदस्य
नेशनल फ्रंट ऑफ इंडियन ट्रेड यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने बीएमएस, एचएमएस, इंटक, सीटू, एटक पर जमकर निशाना साधा और इन केन्द्रीय श्रमिक संगठनों का तथाकथित करार दिया। डा. दीपक जायसवाल ने कहा कि सीआईएल की अनुषांगिक कंपनियों में अभी गलत तरीके से सेफ्टी बोर्ड के सदस्यों की नियुक्ति की जा रही है। जबकि वर्क्स कमेटी होनी चाहिए और इसके तहत चुनाव के माध्यम से सदस्य बनाने का प्रावधान है। पांचों केन्द्रीय यूनियन के लोग वर्क्स कमेटी के गठन में सबसे बड़ी बाधा बने हुए हैं। वर्क्स कमेटी बनेगी तो सेवानिवृत्त नेताओं से छुटकारा मिलेगा। डा. दीपक जायसवाल ने कहा कि वर्क्स कमेटी की मांग को लेकर कोर्ट की लड़ाई लड़ी जाएगी। एनएफआईटीयू अध्यक्ष ने केन्द्रीय ट्रेड के नेताओं को दलाल और बिचौलिया तक कहा दिया। डा. जायसवाल ने इंटक के राष्ट्रीय महासचिव एवं छत्तीसगढ़ इंटक के अध्यक्ष संजय सिंह पर कई गंभीर आरोप लगाए।
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MDO और रेवन्यू शेयरिंग का किया विरोध
नेशनल फ्रंट ऑफ इंडियन ट्रेड यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने एमडीओ और रेवन्यू शेयरिंग की नीति को गलत बताया। सरकार का यह शार्टकट रास्ता उचित नहीं है। आउटसोर्सिंग के बढ़ते दायरे को लेकर भी डा. जायसवाल ने चिंता जाहिर की।
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EPFO में होती है गड़बड़ी
कर्मचारी भविष्य निधि संगठन के सेंट्रल बोर्ड ऑफ़ ट्रस्टी के सदस्य डा. दीपक जायसवाल ने कहा कि उद्योगों के प्रबंधक और ठेकेदारों की मिलीभगत से ईपीएफओ में गड़बड़ी की जाती है। उन्होंने एक सवाल के जवाब में कहा कि ईएसआईसी अस्पतालों में रेफर का खेल होता है। डा. जायसवाल ने कहा कि ईपीएफओ कामगारों को सामाजिक सुरक्षा प्रदान करने वाला संगठन है। असंगठित क्षेत्र के कामगारों को भी ईपीएफओ का पूरा लाभ मिलना चाहिए।