कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) ने अपने सब्सक्राइबर्स के लिए EPF खाते से पैसे निकालने की प्रक्रिया को आसान कर दिया है। अब सब्सक्राइबर आसानी से PF अकाउंट से पैसे निकालने के लिए आवेदन कर सकते हैं और उनके बैंक अकाउंट में आसानी से और जल्दी PF अमाउंट ट्रांसफर हो जाता है। EPFO ने दिसंबर 2018 में यह नियम लागू किया था कि सब्सक्राइबर्स नौकरी छोड़ने के एक माह बाद अपने PF अकाउंट से उसमें जमा 75% राशि विड्रॉ (Withdraw) कर सकते हैं। वहीं, नौकरी छूटने के 2 महीने बाद सब्सक्राइबर बची हुई 25% राशि निकाल सकते हैं। अगर आप भी अपने EPF अकाउंट से कैश Withdrawal का सोच रहें हैं तो उससे पहले जान लें ये महत्वपूर्ण बातें…
- अगर किसी कर्मचारी ने लगातार 5 साल काम नहीं किया है और वह EPF अकाउंट से पैसे निकालता है तो विड्रॉअल अमाउंट पर टैक्स लगता है।
- अगर EPF अकाउंट दूसरे कर्मचारी को ट्रांसफर किया जाता है तो नौकरी बदलने की स्थिति में जॉब की अवधि में करेंट इम्पलॉई की जॉब की अवधि को भी शामिल किया जाता है।
- अगर कर्मचारी ने कुल 5 साल से कम जॉब किया और वह EPF अकाउंट से पैसे निकालता है तो उसे निकाली गई राशि पर टैक्स का भुगतान करना होता है।
- आपको बता दें कि हरेक EPF कॉन्ट्रिब्यूशन में 4 भाग होते हैं। कर्मचारी का योगदान, नियोक्ता कंपनी या संस्था का योगदान, कर्मचारी द्वारा जमा राशि पर मिलने वाला इंटरेस्ट और नियोक्ता द्वारा जमा किए गए राशि पर इंटरेस्ट।
- अगर इम्पलॉई ने लगातार 5 साल से कम काम किया है तो कर्मचारी के EPF योगदान और उस पर मिलने वाले इंटरेस्ट को इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करते समय इनकम कैटेगरी में दिखाना होता है और इस पर टैक्स लगता है।
- अगर आपका EPF योगदान टैक्सेबल नहीं है, और आपने पिछले साल इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 80C के तहत टैक्स डिडक्शन क्लेम नहीं किया है तो भी यह सैलरी सेक्शन के अंदर टैक्सेबल होता है।
- 5 साल जॉब करने से पहले EPF अकाउंट से पैसे निकालने पर सब्सक्राइबर के योगदान और उस पर मिले ब्याज को दूसरे श्रोतों से आय (income from other sources) में दिखाना होता है और इस पर टैक्स लगता है।
- लागातार 5 साल काम नहीं करने की सूरत में अगर आप EPF अकाउंट से पैसे निकालते हैं तो 10% की दर से TDS लगता है।
- लेकिन कुछ मामलों में अगर कंपनी बंद हो गई है या निकाली जाने वाली राशि 50,000 रुपये से कम है तो फिर EPF अकाउंट से पैसे निकालने पर TDS नहीं लगता है।
- अगर EPF अकाउंट में बैलेंस 50,000 रुपये से अधिक है और सब्सक्राइबर ने कुल 5 साल से कम काम किया है तो वे फॉर्म 15G या 15H जमा करके TDS कटौती से बच सकते हैं, अगर आपकी इनकम टैक्सेबल नहीं है। FORM 15G 60 वर्ष से अधिक उम्र से लोगों के लिए है। वहीं, FORM 15H उन सब्सक्राइबर्स के लिए है जिनका इनकम टैक्सेबल नहीं है।