नई दिल्ली, 19 जुलाई। वित्तमंत्री निर्मला सीतारामन ने स्पष्ट किया है कि हाल ही में कुछ वस्तुओं पर जीएसटी दरों में बढ़ोतरी का फैसला टैक्स लीकेज को रोकने के लिए लिया गया। वित्त मंत्री ने कई ट्वीट्स में कहा कि टैक्स लीकेज को रोकने के लिए यह निर्णय बहुत आवश्यक था।
उन्होंने कहा अधिकारियों और मंत्रियों के समूह सहित विभिन्न स्तरों पर इस बारे में विचार किया गया। सभी सदस्यों की पूर्ण सहमति के बाद जीएसटी परिषद ने जीएसटी दरों में बढ़ोतरी की सिफारिश की।
श्रीमती सीतारामन ने कहा कि पिछले महीने चंडीगढ में जीएसटी परिषद की 47वीं बैठक में दरों को युक्तिसंगत बनाने के मुद्दे पर विचार के दौरान सभी राज्यों के सदस्य मौजूद थे। उन्होंने कहा कि पंजाब, छत्तीसगढ, राजस्थान, तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना और केरल जैसे गैर-भाजपा शासित राज्यों सहित सभी राज्य इस फैसले से सहमत हैं।
वित्तमंत्री ने कहा कि इस बारे में कई तरह की भ्रांतियां फैलाई गई है। उन्होंने कहा कि दरों में बदलाव की सिफारिश करने वाले मंत्रियों के समूह में पश्चिम बंगाल, राजस्थान, केरल, उत्तर प्रदेश, गोवा और बिहार के सदस्य शामिल थे।
श्रीमती सीतारामन ने कहा कि जब जीएसटी लागू किया गया था तब ब्रांडेड अनाज, दालें और आटे पर पांच प्रतिशत की जीएसटी लागू की गई थी। बाद में इसमें संशोधन करते हुए केवल उन वस्तुओं पर कर लगाने का फैसला लिया गया जो पंजीकृत ब्रांड या ब्रेंड के तहत बेची गईं।
हालांकि निर्माताओं और ब्रांड मालिकों द्वारा इस प्रावधान का बडे पैमाने पर दुरुपयोग किया गया। जिससे जीएसटी राजस्व में गिरावट आई।
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