कोरबा (IP News). कोल उद्योग में हड़ताल टालने का सरकार का अंतिम प्रयास भी विफल हो गया। हड़ताल के एक दिन पूर्व बुधवार को कोयला मंत्री प्रल्हाद जोशी ने केंद्रीय श्रमिक नेताओं से चर्चा करने दोपहर 3 बजे वर्चुअल मीटिंग बुलाई। श्रमिक संगठनों की ओर से इस वार्ता में बीएमएस से डॉ. बीके राय, एचएमएस से नाथूलाल पांडेय, एटक से रामेंद्र कुमार और सीटू से डीडी रामनंदन ने शिरकत की। मीटिंग करीब एक घंटा चली।
कोयला मंत्री ने हड़ताल पर नहीं जाने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि हड़ताल से देश व कोयला उद्योग को नुकसान होगा। कोयले की कमी की स्थिति बनेगी। श्री जोशी ने देश मे व्याप्त संकट का भी हवाला दिया। इधर, श्रमिक नेताओं ने कोयला मंत्री से कहा कि सरकार कमर्शियल माइनिंग का फैसला वापस ले। बताया गया कि कमर्शियल माइनिंग के मुद्दे पर कोयला मंत्री ने चुप्पी साध ली। इस विषय पर कुछ भी नहीं कहा। श्रमिक नेताओं ने दो टूक कहा कि कमर्शियल माइनिंग के मुद्दे से समझौता नहीं करेंगे। सरकार इस पर अडिग है तो हम भी हड़ताल पर अडिग हैं। लिहाजा इस मीटिंग का कोई नतीजा नहीं निकला। मीटिंग में कोल सेक्रेटरी अनिल जैन, सीआईएल के चेयरमैन प्रमोद अग्रवाल भी शामिल हुए।
ऐतिहासिक होगी हड़ताल , तैयारी पूरी : नाथूलाल
इधर, एचएमएस के केंद्रीय महामंत्री नाथूलाल पांडेय ने industrialpunch.com से चर्चा करते हुए कहा कि कोयला मंत्री ने कमर्शियल माइनिंग के मुद्दे पर कुछ भी कहना मुनासिब नहीं समझा। कल से तीन दिनों की देश के कोयला उद्योग में ऐतिहासिक हड़ताल होगी। इसकी पूरी तैयारी कर ली गई है।