प्रवर्तन निदेशालय ने मुम्बई, पुणे और रत्नागिरि में वेरॉन ग्रुप की कम्पनियों और उसके प्रमोटर की एक सौ 66 करोड़ रुपए की अचल सम्पत्ति जब्त कर ली है। निदेशालय ने वेरॉन इंडस्ट्रीज के निदेशक तथा बैंक ऑफ इंडिया और कैनरा बैंक के अज्ञात अधिकारियों के नाम सीबीआई की प्राथमिकी के आधार पर धन शोधन के मामले में जांच शुरू की थी।
जांच में पता चला कि निदेशक ने बैंक ऑफ इंडिया के साथ धोखाधड़ी की आपराधिक साजिश रची थी। इसके लिए कैनरा बैंक की पुणे शाखा में खोले गए वेरॉन एल्युमिनियम प्राइवेट लिमिटेड की तरफ से करीब तीन सौ करोड़ रुपए के लेटर और क्रेडिट के समर्थन के साथ दो सौ 46 फर्जी बिल जमा कराए गए थे। बैंक ऑफ इंडिया ने अपने प्रभार काटने के बाद उन बिलों की राशि कम्पनी के खाते में जमा करा दी थी। कम्पनी के खाते में झूठे आश्वासन और फर्जी दस्तावेजों के आधार पर दो सौ 93 करोड़़ रुपए जमा कराए गए थे।
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