नई दिल्ली: सोना खरीदने का प्लान कर रहे तो अभी बढ़िया मौका है। सोने की कीमतों में भारी गिरावट आई है। सोने की कीमत में आई गिरावट ने हलचल मचा दी है। जी हां धनतेरस और दिवाली से पहले सोना 50 हजार के नीचे आ गया है।
दरअसल दवा कंपनी फाइजर के कोरोना संक्रमण रोकने के लिए टीका बनाने की खबर से सोने और चांदी कीमतों में बड़ी गिरावट देखने को मिली।
7 साल की सबसे बड़ी गिरावट
वैक्सीन की खुशखबरी के चलते अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर सोने की कीमतों में भारी गिरावट आई है। बता दें कि न्यूज एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक, अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सोने की कीमतें 5 फीसदी से ज्यादा गिर गई। वहीं जानकारों का कहना है कि फीसदी के लिहाज से ये सोने में 2013 के बाद की एक दिन में आई सबसे बड़ी गिरावट है। सोने की कीमत में आई यह गिरावट 7 सालों में आई सबसे बड़ी गिरावट है। इन संकेतों का असर घरेलू बाजार पर भी दिखेगा। भारतीय बाजारों में सोने की कीमतें तेजी से गिर सकती है। मौजूदा स्तर से कीमतें 5-8 फीसदी तक की गिरने की संभावना है। क्योंकि, भारतीय रुपया भी लगातार मज़बूत हो रहा है। आपको बता दें कि सोमवार को दिल्ली सर्राफा बाजार में सोने के दाम बढ़कर 52,183 रुपये के स्तर पर पहुंच गए जबकि इसके पहले शुक्रवार को यह 51,06 रुपये प्रति 10 ग्राम पर बंद हुए थे।
वैक्सीन की खबर से सोने में आई गिरावट
वैक्सीन को लेकर अच्छी खबर आने से सोने की सुरक्षित निवेश मांग घट गई। इससे सोने-चांदी के दाम लुढ़क गए। विदेशी बाजार में अमेरिकी गोल्ड फ्यूचर 4.9 फीसदी लुढ़क गया और 1855.30 डॉलर प्रति औंस तक फिसल गया, जबकि गोल्ड स्पॉट 4.9 फीसदी की गिरावट के साथ 1854.44 डॉलर प्रति बैरल पर आ गया। सोमवार को सोने के दाम 100 डॉलर टूट गए। कल शुरुआती कारोबार में सोने के दाम 1965.33 डॉलर प्रति औंस के आसपास थे। सोमवार को कच्चे तेल की कीमतों में जोरदार तेजी आई। अंतर्राष्ट्रीय बेंचमार्क ब्रेंट क्रूड का भाव 8 फीसदी उछलकर 42.61 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया। इसी तरह से अमेरिकी कच्चा तेल 9 फीसदी चढ़कर 40.49 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया। कोरोना वैक्सीन की खबर से कच्चे तेल की मांग बढ़ने की संभावना है जिससे क्रूड के दाम चढ़े हैं।
इस वजह से आ रही सोने में गिरावट
एक्सपर्ट्स बताते हैं कि सोना अक्सर मुश्किल समय पर चमकता है। 1970 के दशक में आई मंदी में सोने की कीमतें नए शिखर पर पहुंची। इसके बाद 2008 की आर्थिक मंदी में भी ऐसा ही दौर देखने को मिला। वहीं अगर आंकड़ों पर नज़र डालें तो 80 के दशक मे सोना 7 गुना से अधिक चढ़कर 850 डॉलर प्रति औंस की रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गया था। यह 2008 के वैश्विक वित्तीय संकट के बाद फिर से बढ़ गया, जो 2011 में 1900 डॉलर के पार चला गया। लेकिन फिर काफी गिर गया था। एक्सपर्ट्स का कहना है कि जैसे-जैसे कोरोना वैक्सीन को लेकर खबरें आती जाएंगी। वैसे-वैसे सोने की कीमतों पर दबाव बढ़ता जाएगा। मौजूदा स्तर सोने की कीमतों में 5-8 फीसदी की गिरावट देखने को मिल सकती है।