नई दिल्ली। सरकार ने सार्वजनिक भविष्य निधि (PPF) के नियमों में कई तरह के बदलाव किए हैं। नए नियमों के तहत पीपीएफ (PPF) के बदले मिलने वाला कर्ज एक फीसदी सस्ता हो जाएगा। पीपीएफ योजना 2019 के नाम से जारी अधिसूचना में इसकी जानकारी दी गई है। नए नियमों के मुताबिक पीपीएफ के बदले मिलने वाले कर्ज पर ब्याज पीपीएफ के ब्याज से सिर्फ एक फीसदी ऊंचा होगा जो अभी दो फीसदी है। सरकार ने पीपीएफ से समय पूर्व निकासी के नियमों में भी बदलाव किया है। इसके मुताबिक पीपीएफ से पांच साल बाद ही समय पूर्व निकासी (प्रीम्योच्योर) की अनुमति होगी। सरकार ने इसमें यह स्पष्ट कर दिया है कि अवधि की गणना वित्तीय वर्ष के आधार की जाएगी। इसके मुताबिक जिस वित्तीय वर्ष में पीपीएफ खाता शुरू हुआ है उसमें पांच वित्तीय वर्ष के बाद ही निकासी संभव होगी।
समय पूर्व निकासी के लिए सरकार ने इसमें आवासीय बदलाव की वजह को भी अनुमति दे दी है। इसके पहले स्वंय पीपीएफ खाताधारक, या पति- पत्नी, संतान या आश्रित माता-पिता को गंभीर बीमारी हो जाने की स्थिति में भी पीपीएफ से समय पूर्व राशि निकालने की अनुमति थी। इसके अलावा पहले खाताधारक को अपनी शिक्षा के लिए पीपीएफ से समय पूर्व राशि निकालने की अनुमति थी लेकिन अब पति-पत्नी या संतान की शिक्षा के लिए भी इसकी अनुमति दे दी गई है।
पीपीएफ में एक साल में 12 बार राशि जमा करने की अनुमति थी जिसे अब असीमित कर दिया गया है। साथ ही एक बार में न्यूनतम पांच रुपये की बजाय 50 रुपये के अनुपात में जमा करने की अनुमति होगी।