Battery Electricity Storage Scheme : सरकार ने बैटरी बिजली भंडारण योजना (BESS) के विकास के लिए सरकारी सहायता योजना को मंजूरी दे दी है। नई दिल्ली में मंत्रिमंडल की बैठक के बाद सूचना और प्रसारण मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर ने कहा कि इस योजना में 40 प्रतिशत तक की वित्तीय सहायता के साथ 2030-31 तक चार हजार मेगावाट आवर बिजली योजना की परिकल्पना की गई है। यह बजटीय सहायता के रूप में प्रदान की जायेगी। उन्होंने कहा कि इसका प्रारंभिक परिव्यय लगभग नौ हजार 400 करोड़ रुपये है जिसमें तीन हजार 760 करोड़ रुपये की बजटीय मदद शामिल है।
श्री ठाकुर ने बताया कि सरकारी सहायता योजना में बीईएसएस परियोजनाओं के कार्यान्वयन के लिए विभिन्न चरणों में पांच किश्तें वितरित की जायेगी। उन्होंने कहा कि योजना का लाभ उपभोक्ताओं तक पहुंचना सुनिश्चित करने के लिए परियोजना का न्यूनतम 85 प्रतिशत वितरण कंपनियों (डिस्कॉम) को उपलब्ध कराया जाएगा।
श्री ठाकुर ने कहा कि सरकार स्वच्छ और हरित ऊर्जा समाधानों को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है और बीईएसएस योजना इसे हासिल करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। उन्होंने कहा कि यह न केवल बिजली ग्रिड में नवीकरणीय ऊर्जा के एकीकरण को बढ़ाएगा बल्कि ट्रांसमिशन नेटवर्क के उपयोग को अनुकूलित करते हुए बर्बादी को भी कम करेगा।
एक अन्य निर्णय में केंद्र ने हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड के लिए औद्योगिक विकास योजना 2017 के अन्तर्गत अतिरिक्त राशि के रूप में एक हजार 164 करोड़ रुपये की मंजूरी दी। उन्होंने कहा कि यह धनराशि 2028-29 तक योजना के अन्तर्गत देनदारियों को पूरा करने में मदद करेगी। इस योजना के अन्तर्गत कुल वित्तीय परिव्यय 131 करोड़ नब्बे लाख रुपये था जो वित्त वर्ष 2021-22 में समाप्त हो गया।
श्री ठाकुर ने कहा कि इससे 774 पंजीकृत इकाइयों द्वारा लगभग 48 हजार 607 लोगों के लिए प्रत्यक्ष रोजगार के अवसर सृजित होंगे। श्री ठाकुर ने कहा कि योजना से बैटरी भंडारण प्रणालियों की लागत में कमी आयेगी। उन्होंने कहा कि बीईएसएस परियोजना की 85 प्रतिशत क्षमता डिस्कॉम को दी जाएगी जिससे उपभोक्ताओं को लाभ होगा।