कांग्रेस ने अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपये के मूल्य में गिरावट को लेकर सोमवार को केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए आरोप लगाया कि सरकार ने अपनी नीतिगत पंगुता, धार्मिक टकराव और भ्रष्टाचार से अर्थव्यवस्था पर बुलडोजर चला दिया है तथा रुपया को ‘आईसीयू’ में पहुंचा दिया है।
विदेशी कोषों की बिकवाली जारी रहने और विदेशी बाजारों में अमेरिकी मुद्रा की मजबूती के चलते रुपया सोमवार को शुरुआती कारोबार में अमेरिकी मुद्रा के मुकाबले 52 पैसे की गिरावट के साथ सर्वकालिक निचले स्तर 77.42 पर आ गया।
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने फेसबुक पोस्ट में कहा, ‘‘डॉलर के मुकाबले रुपये की कीमत 77.4 रुपये के अपने न्यूनतम स्तर पर पहुंच गई है। प्रधानमंत्री पहले ही पेट्रोल और डीजल के दाम 100 रुपये से अधिक तथा एलपीजी के दाम 1000 रुपये से अधिक करने का लक्ष्य हासिल कर चुके हैं। अब रुपये के 100 की तरफ बढ़ने की बारी है।’’ उन्होंने दावा किया, ‘‘भारत गंभीर आर्थिक संकट से घिरा हुआ है। आने वाले समय में यह संकट और गहराएगा तथा ऐसी स्थिति पैदा होगी जो भारतीय नागरिकों ने पहले कभी नहीं देखी होगी।’’
राहुल गांधी ने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री भारत की आर्थिक और सामाजिक वास्तविकताओं को छिपाकर नहीं रख सकते। अब समय आ गया है कि हालात को स्वीकार किया जाए और प्रचार के जरिये ध्यान भटकाने की बजाय समाधान की दिशा में काम किया जाए।’’ पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘देश में 75 साल में पहली बार डॉलर के मुकाबले रुपये की कीमत 77.41 रुपये के न्यूनतम स्तर पर चली गई। 75 साल में पहली बार रुपया आईसीयू में है और भाजपा के मार्गदर्शमंडल की तय आयु को भी पार कर गया है। प्रधानमंत्री की आयु को तो वह पहले ही पार चुका है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘चारों ओर महंगाई का हाहाकार है और अर्थव्यवस्था पर से लोगों का विश्वास उठ गया है। देश में निवेश नहीं आ रहा है, बल्कि उल्टे वापस चला गया है। भ्रष्टाचार, नीतिगत पंगुता और धर्म के आधार पर अशांति के कारण हमारे यहां निवेश नहीं है। देश के विदेशी मुद्रा भंडार में कमी आने के कारण भी रुपये की कीमत गिर गई है।’’ सुरजेवाला ने दावा किया, ‘‘मोदी सरकार सिर्फ हिंदू-मुसलमान का टकराव पैदा कर अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुंचा रही है। जब अशांति होगी, भ्रष्टाचार होगा, नीतिगत पंगुता होगी तो फिर रुपया तो कमजोर होगा ही।’’
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