नई दिल्ली, 26 दिसम्बर। सरकार ने कहा है कि एनीमेशन, विजुअल इफेक्ट्स, गेमिंग और कॉमिक क्षेत्र में आने वाले 10 वर्षों में 20 लाख से ज़्यादा लोगों को रोज़गार देने की संभावनाएं हैं। इस क्षेत्र में अगले दशक तक 16 -17 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज़ होने का अनुमान है।
AVGC – एक्स आर क्षेत्र के सामर्थ्य पर एवीजीसी कार्यबल रिपोर्ट के बारे में आज संवाददाताओं को जानकारी देते हुए सूचना और प्रसारण सचिव और कार्यबल के अध्यक्ष अपूर्व चंद्र ने कहा कि ए वी जी सी सेक्टर देश के इतिहास संस्कृति, कला और पारम्परिक खेलों को तकनीक के साथ साथ सृजनात्मक कौशल से जोड़ने का अवसर प्रदान करता है। उन्होंने आशा व्यक्त की कि भारत में सूचना और प्रौद्योगिकी क्षेत्र के सामान ए वी जी सी क्षेत्र में वैश्विक गुरु बनने की क्षमता है। रिपोर्ट की अनुशंसाओं का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि ए वी जी सी सेक्टर के एकीकृत संवर्धन और विकास के लिए एक राष्ट्रीय ए वी जी सी -एक्स आर मिशन की स्थापना की जाएगी। उन्होंने कहा कि देश में कंटेंट निर्माण को बढ़ावा देने के लिए क्रिएट इन इंडिया कैंपेन को शुरू किया जायेगा।
इस अवसर पर उच्च शिक्षा सचिव के संजय मूर्ती ने कहा कि इस नीति से छात्रों को लाभ होगा। उन्होंने कहा कि देश के हर स्तर पर प्रतिभाएं मौजूद हैं और उद्योगों को शिक्षा संस्थानों से जोड़कर छात्रों को इस क्षेत्र के लिए तैयार किया जा सकता है।
कौशल विकास और उद्यम सचिव अतुल कुमार तिवारी ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति ने छात्रों के लिए अवसर को बढ़ाया है। उन्होंने अल्पकालिक प्रशिक्षण कोर्स को विकसित करने और ए वी जी सी क्षेत्र के विकास के लिए अधिक से अधिक भारतीय विषय वस्तु के निर्माण पर जोर दिया।
हाल ही में सूचना और प्रसारण मंत्री को कार्य बल के अध्यक्ष अतुल तिवारी द्वारा 22 दिसम्बर को ए वी जी सी एक्स आर क्षेत्र की संभावनाओं पर एक कार्य बल रिपोर्ट सौंपी गयी थी। ए वी जी सी क्षेत्र में हाल ही में अद्वितीय वृद्धि दर्ज की है जिसमें भारतीय प्रतिभाओं के साथ कई वैश्विक संस्थाएं इस क्षेत्र में अपनी सेवा प्रदान करने के लिए आगे आयेंगे। भारत आज दो सौ साठ से दौ सौ 75 अरब डॉलर मूल्य के ए वी जी सी बाजार में दो दशमलव पांच से तीन अरब डॉलर का योगदान करता है।
भारत को वैश्विक विषय वस्तु का केन्द्र बनाने और ए वी जी सी क्षेत्र में रोजगार की संभावनाएं पैदा करने के लिए कार्य बल ने इस क्षेत्र के लिए राष्ट्रीय उत्कृष्टता केन्द्र के निर्माण पर जोर दिया। क्षेत्रीय उत्कृष्टता केन्द्र को राज्य सरकारों के सहयोग से स्थापित किया जायेगा जिससे स्थानीय उद्योगों और योग्यताओं को बढ़ावा दिया जा सके। कार्य बल द्वारा राष्ट्रीय शिक्षा नीति में सृजनात्मक सोच को बढ़ावा देने और ए वी जी सी सम्बन्धी विषय वस्तु को विद्यालयीय स्तर पर शामिल करने और इसमें रोजगार की संभानाओं को बढ़ाने सम्बन्धी अनुशंसा की गयी है। शिक्षा संस्थानों में अटल टिंकरिंग लैब के समान नए ए वी जी सी नवाचार केन्द्र और इन्हें बढ़ावा देने वाले केन्द्रों की स्थापना की भी अनुशंसा की गयी। कार्य बल ने विषय वस्तु के निर्माण के लिए एक समर्पित कोष बनाने की भी अनुशंसा की है ताकि विश्व में भारतीय संस्कृति और विरासत को बढ़ावा दिया जा सके।