नागपुर, 20 मार्च। कोयला खदान के लिए अपनी जमीन देने वाले भू- स्वामियों के पोतियों को भी नौकरी मिलेगी। इस आशय का आदेश बाम्बे हाईकोर्ट की नागपुर बेंच (High Court Bombay) ने जारी किया है।

इसे भी पढ़ें : CMPFO के DHFL में 727 करोड़ रुपए डूबने का मामला संसद में उठा, देखें वीडियो :

कुसुम नामदेव खाड़े ने कोल इंडिया लिमिटेड (Coal India Limited) के विरूद्ध रोजगार की मांग को लेकर बाम्बे हाईकोर्ट की नागपुर बेंच में याचिका दायर की थी। इस याचिका को दायर कराने में एचएमएस (HMS) नेता शिवकुमार यादव ने सहयोग किया था। याचिकाकर्ता के दादा की भूमि वेस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड (WCL) ने 17 अक्टूबर, 2014 को अधिग्रहित की थी।

भूमि अधिग्रहण के एवज में डब्ल्यूसीएल में नौकरी के लिए पोती कुसुम नामदेव खाड़े ने क्लेम किया, लेकिन प्रबंधन ने पोती को नौकरी नहीं देने के प्रावधान का हवाला देते हुए इसे खारिज कर दिया था।

एचएमएस नेता शिवकुमार यादव के प्रयास से मामले को लेकर उच्च न्यायालय, नागपुर में याचिका दायर की गई। मामले में सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने 11 मार्च, 2025 को इस प्रकरण में फैसला सुनाया।

इसे भी पढ़ें : BCCL ने 2 MTPA दुग्दा कोल वॉशरी का किया मुद्रीकरण

हाईकोर्ट ने अपने फैसले में डब्ल्यूसीएल के उस सर्कुलर पर टिप्पणी की, जिसमें पोती को परिवार का हिस्सा नहीं माना गया था। हाईकोर्ट ने डब्ल्यूसीएल के सर्कुलर को लैंगिक पूर्वाग्रह दृष्टिकोण माना। हाईकोर्ट ने डब्ल्यूसीएल के सर्कुलर को खारिज करते हुए पोती को भी रोजगार देने का निर्देश जारी किया।

 

  • Website Designing