प्राइवेट सेक्टर के लेंडर बैंक HDFC बैंक ने कहा है कि वो ग्रामीण इलाकों में अपनी पहुंच को दोगुना कर 200,000 गांवों तक करेगा। इसके लिए बैंक ने अगले 6 महीने में 2,500 लोगों को नियुक्ति करने का फैसला किया है।
बैंक ने कहा है कि अगले 18-24 महीने में बैंक की ब्रांच खोलना, बिजनेस कॉरेसपोंडेंट, बिजनेस फेसिलिटेटर्स, कॉमन सर्विस सेंटर पार्टनर, वर्चुअल रिलेशनशिप मैनेजमेंट और डिजिटल प्लेटफॉर्म को बढ़ाएगा। इससे बैंक की देश के एक तिहाई गांवों तक पहुंच बढ़ेगी।
HDFC बैंक मौजूदा समय में 550 से अधिक जिलों में माइक्रो, स्माल और मीडियम एंटरप्राइजेज को अपने प्रोडक्ट मुहैया करा रहा है। इसके साथ ही मौजूदा समय में बैंक 1000,000 गांवों में अपनी सर्विस दे रहा है।
HDFC बैंक के ग्रुप हेड राहुल शुक्ला ने कहा कि क्रेडिट और लोन के लिहाज से देखें तो भारत के ग्रामीण इलाकों और अर्द्धशहरी बाजारों में यह सर्विस नहीं है। हालांकि ये इलाके बैंकिंग सिस्टम के टिकाऊ विकास में बड़ी भूमिका निभा सकते हैं। शुक्ला ने कहा कि आगे चलकर बैंक का सपना देश के हर पिनकोड में अपनी सर्विस मुहैया कराना है। बैंक ने कहा है कि वो अपने पारंपरिक प्रोडक्ट्स और सर्विस के साथ-साथ नए प्रोडकट भी पेश करेगा।
बैंक ने एक बयान में कहा है कि वो पहले से ही फसलों की बुवाई से पहले और उपज के बाद में लोन मुहैया करा रहा है। इसके साथ ही ट् व्हीलर, ऑटो लोन, गोल्ड पर लोन मुहैया करा रहा है। वहीं बैंक अब ग्रामीण अर्थव्यवस्था में हो रहे तेजी से बदलाव और दूरदारज के इलाकों को ध्यान में रखते हुए प्रोडक्ट्स और सर्विस मुहैया कराएगा।
बता दें कि फाइनेंस मिनिस्टर निर्मला सीतारमण ने देश के ग्रामीण इलाकों में बैंकों की उपस्थिति पर नाराजगी जाहिर की थी और बैंकों को इसमें तेजी लाने के लिए कहा था। फाइनेंस मिनिस्टर के बयान के बाद HDFC बैंक का यह फैसला सामने आया है।