ऐसी कोई रिपोर्ट नहीं है जो दर्शाती हो कि आम नागरिकों की तुलना में कोयला खान श्रमिकों में अस्थमा, आंखों का संक्रमण या कोई अन्य स्वास्थ्य संबंधी समस्या ज्यादा है। हालांकि कोयला खान श्रमिकों के स्वास्थ्य एवं आजीविका को सुनिश्चित करने और बनाए रखने के लिए सुरक्षा उपाय किए गए हैं।
सीआईएल (CIL) के पास स्वास्थ्य सुविधाओं का मजबूत नेटवर्क है। प्रत्येक कर्मचारी और श्रमिक को व्यापक स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान की जाती है। नैवेली लिग्नाइट कारपोरेशन इंडिया लिमिटेड (एनएलसीआईएल) के पास खुली खदानें हैं जो पर्याप्त रूप से यंत्रीकृत हैं। इसलिए, खनन कार्यों के लिए श्रमिकों की तैनाती नहीं की जाती है। इसलिए यहां व्यावसाय संबंधित रोग होने का कोई खतरा नहीं है। हालांकि एनएलसीआईएल खनन इकाइयों में लगे खनिकों, प्रबंधकों /पर्यवेक्षकों तथा श्रमिकों के लिए व्यावसायिक स्वास्थ्य सेवाओं (ओएचएस) का रखरखाव करता है जो लगभग उनके पूरे कामकाजी जीवन को कवर करते हैं और उनकी नियुक्ति से लेकर उनकी सेवानिवृत्ति तक स्वास्थ्य मापदंडों की निगरानी करते हैं। इसके माध्यम से कार्यस्थल के वातावरण से जुड़ी या व्यावसायिक तनाव एवं दोषपूर्ण प्रतिक्रिया के कारण होने वाली स्वास्थ्य समस्याओं का शीघ्र पता लगाने, तनाव से निपटने और सही समय पर स्वास्थ्य देखभाल प्रदान करने की योजना बनाने में सहायता मिलती है। इस प्रकार यह मजबूत कार्यबल का संवर्धन और संरक्षण करके कंपनी के अंतिम परिणामों को प्रभावित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
सिंगरेनी कोलियरीज कंपनी लिमिटेड (एससीसीएल) अपने कर्मचारियों और ठेका कामगारों को चिकित्सा एवं स्वास्थ्य देखभाल प्रदान करती है। एससीसीएल के पास सात क्षेत्रीय अस्पताल (821 बिस्तरों की संख्या), 21 औषधालय भी हैं, जो तेलंगाना के 6 जिलों में चेस्ट फिजिशियन/ नेत्र रोग विशेषज्ञ सहित अन्य चिकित्सक सेवाएं प्रदान करते हैं, जहां खनन कार्य प्रगति पर हैं। एससीसीएल खानों और विभागों में कर्मचारियों के लिए व्यावसायिक रोगों पर जागरूकता कार्यक्रम भी आयोजित करता है। व्यावसायिक स्वास्थ्य सेवाओं की देखभाल करने और कर्मचारियों की पुरानी बीमारियों की निगरानी करने के लिए एससीसीएल के सभी क्षेत्रों में 12 व्यावसायिक स्वास्थ्य सेवा केंद्र हैं और पीएमई के दौरान, कर्मचारी/ ठेका कामगार आंखों के अपवर्तन परीक्षण और चेस्ट रेडियोग्राफी से गुजरते हैं, अगर उनमें कोई स्वास्थ्य समस्या मिलती है, तो उन्हें कंपनी के अस्पतालों में चिकित्सा उपचार प्रदान किया जाता है।
सीआईएल अपने नवनियुक्त कर्मचारियों/ ठेका कामगारों के लिए प्रारंभिक चिकित्सा परीक्षण (आईएमई) और मौजूदा कर्मचारियों/ ठेका कामगारों के लिए आवधिक चिकित्सा परीक्षण (पीएमई) का आयोजन सीआईएल द्वारा बनाए गए अस्पतालों और औषधालयों में निर्धारित, नियमित अंतरालों पर करता है। इसके अलावा, ठेका कामगारों और कर्मचारियों के लिए कंपनी के विभिन्न अस्पतालों और औषधालयों में नियमित स्वास्थ्य देखभाल सुविधाओं का प्रावधान है, और 395 निजी अस्पतालों को कंपनी के कर्मचारियों और उनके परिवार के पात्र सदस्यों के लिए अखिल भारतीय स्तर पर सूचीबद्ध किया गया है। अप्रैल, 2018 से मार्च, 2023 तक 74,550 व्यक्तियों का प्रारंभिक चिकित्सा परीक्षण किया गया और इसी अवधि के दौरान 31,1945 व्यक्तियों की आवधिक चिकित्सा परीक्षण भी किया गया।
एनएलसीआईएल खनन इकाइयों में कार्यरत सभी श्रमिकों के लिए प्रारंभिक चिकित्सा परीक्षण (आईएमई) आयोजित करता है, जिसमें सोसाइटी/ अल्पावधिक/ आउटसोर्स तथा अन्य ठेका कामगार भी शामिल हैं और नियमित कर्मचारियों के समान आवधिक चिकित्सा परीक्षण (पीएमई) भी तीन वर्ष में एक बार सोसायटी/ अल्पकालिक/ आउटसोर्स और अन्य ठेका कामगारों के लिए आयोजित किया जाता है, चाहे उनकी आयु एनएलसीआईएल के नियमित कर्मचारियों के समान हो या न हो। एनएलसी इंडिया अस्पताल में ओएचएस (व्यावसायिक स्वास्थ्य सेवा) इकाई खनिकों के व्यावसायिक स्वास्थ्य और कल्याण की निगरानी के लिए डीजीएमएस दिश-निर्देशों के अनुसार आवधिक चिकित्सा परीक्षण (पीएमई) कार्यक्रम लागू करती है। डीजीएमएस दिशा-निर्देशों के अनुसार उम्र की परवाह किए बिना 3 साल में एक बार पूरी खनन आबादी पीएमई को कवर प्रदान किया जाता है। ओएचएस ठेका कामगारों सहित खानों में लगे कर्मचारियों के स्वास्थ्य और कल्याण की निरंतर निगरानी भी करता है, जिन्हें 3 वर्षों की समयावधि में आवधिक चिकित्सा परीक्षण कार्यक्रम के अंतर्गत कवर प्रदान किया जाता है। इस चक्र को समय-समय पर दोहराया जाता है जो ओएचएस को व्यावसायिक स्वास्थ्य और खनिकों की भलाई पर सही दृष्टिकोण रखने में सक्षम बनाता है। पीएमई चेस्ट एक्स-रे और फेफड़ों का कार्य परीक्षण जैसी जांच के माध्यम से व्यावसायिक रूप से संबंधित किसी भी श्वसन बीमारी की रोकथाम पर ध्यान केंद्रित करता है। ओएचएस अपनी निवारक स्वास्थ्य रणनीति के रूप में सभी इकाइयों के अधिकारियों और गैर-अधिकारियों के लिए मास्टर हेल्थ चेकअप भी आयोजित करता है।
एससीसीएल अपने अस्पतालों में ठेका कामगारों को भी चिकित्सा उपचार प्रदान करता है।
यह जानकारी केंद्रीय कोयला, खान और संसदीय कार्य मंत्री, प्रल्हाद जोशी ने आज लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में दी।