कोलकाता, 27 दिसम्बर (Industrial Punch Desk) : कोयला खान भविष्य निधि संस्थान (CMPFO) से संबंधित पेंशन फंड की मजबूती के लिए गठित उच्च स्तरीय समिति की तीसरी बैठक सीआईएल (CIL) मुख्यालय में गुरुवार को आयोजित हुई।

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कोयला मंत्रालय की अपर सचिव रुपिंदर बरार की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में कोयला कर्मचारियों और अधिकारियों को निरंतर पेंशन का भुगतान होता रहे, इसको लेकर चर्चा की गई। बैठक में कहा गया कि पेंशन के भुगतान की जिम्मेदारी नियोक्ता की है। यानी पेंशन फंड की मजबूती के लिए कोल इंडिया लिमिटेड (CIL) और सिंगरेनी कोलयरीज कंपनी लिमिटेड (SCCL) द्वारा ही राशि जारी की जाएगी। बैठक में यह भी सहमित बनी कि पेंशन में किसी प्रकार की कटौती नहीं होगी।

बैठक में सीएमपीएफओ और कोल इंडिया के प्रस्तुत आंकड़ों में अंतर के कारण तय हुआ कि सीएमपीएफओ के कमिश्नर एवं कोल इंडिया के निदेशक वित्त आपस में बैठक कर आंकड़ों को दुरुस्त करेंगे। इसके बाद 8 जनवरी 2025 को पुनः इस कमेटी की बैठक होगी। आंकड़ों पर सहमति के बाद इसकी अनुशंसा सीएमपीएफओ के बोर्ड ऑफ ट्रस्टी को की जाएगी।

बैठक में सीएमपीएफओ कमिश्नर विजय कुमार मिश्रा, कोल इंडिया के निदेशक (कार्मिक एवं औद्योगिक संबंध) विनय रंजन, निदेशक (वित्त) मुकेश अग्रवाल, ईपीएफओ की अपर आयुक्त अपराजिता जग्गी, एससीसीएल के निदेशक (वित्त) की मौजूदगी रही। यूनियन प्रतिनिध रूप में रमेंद्र कुमार (एटक), डीडी रामनंदन (सीटू), राकेश कुमार (एचएमएस), आशीष मूर्ति (बीएमएस) उपस्थित रहे। बैठक में समिति एवं ट्रस्टी बोर्ड सदस्य बीएमएस नेता के. लक्ष्मा रेड्डी सम्मिलित नहीं हुए।

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जून में हुआ था समिति का गठन

यहां बताना होगा कि पेंशन फंड की मजबूती के लिए उच्च स्तरीय समिति का गठन इसी साल जून में किया गया था। समिति के पहली बैठक एक जुलाई, 2024 को हुई थी। समिति में यूनियन प्रतिनिधि के तौर पर केवल सीटू नेता डीडी रामनंदन को सम्मिलित किया गया था। श्री रामनंदन के अनुरोध पर समिति में एचएमएस, बीएमएस, एटक के प्रतिनिधियों को भी शामिल किया गया। इसके बाद 30 सितम्बर, 2024 को नई दिल्ली में इसकी बैठक हुई। तीसरी बैठक 26 दिसम्बर, 2024 को आयोजित की गई।

 

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