हिंदुस्तान यूनिलीवर ने अप्रैल में एक बार फिर अपने उत्पादों की कीमतों में इजाफा कर दिया है। दैनिक उपभोग वाली वस्तुओं की इस दिग्गज कंपनी ने साबुन और डिटर्जेंट की कीमतों में 3 से 20 प्रतिशत का इजाफा किया है।
डव और पीयर्स साबुन में 20 प्रतिशत का सबसे ज्यादा इजाफा देखा गया है। डव और पीयर्स दोनों के 25 ग्राम वाले पैक के दाम 10 रुपये से बढ़ाकर 12 रुपये कर दिए गए हैं।
चार साबुन (प्रत्येक 125 ग्राम) वाले लाइफबॉय के पैकेट की कीमत 124 रुपये से बढ़कर 136 रुपये हो गई है। इस संबंध में जानकारी रखने वाले एक सूत्र के अनुसार अन्य जिन उत्पादों की कीमतों में वृद्धि देखी गई है, वे हैं – 500 ग्राम और एक किलोग्राम पैक वाला व्हील डिटर्जेंट जिनके दाम क्रमश: 32 रुपये से बढ़ाकर 33 रुपये और 63 रुपये से बढ़ाकर 65 रुपये कर दिए गए हैं। कंपनी ने विम लिक्विड (500 एमएल) पाउच की कीमत भी बढ़ाकर 104 रुपये कर दी है, जो पहले 99 रुपये थी।
कच्चे माल की अधिक लागत का मुकाबला करने के लिए लक्स की इस विनिर्माता ने वित्त वर्ष 21 की अक्टूबर-दिसंबर तिमाही से कीमत वृद्धि का सहारा लिया है। कंपनी ने इस तिमाही में तीनों महीनों में दाम वृद्धि की थी।
फरवरी में कंपनी ने एक से अधिक किश्तों में विभिन्न उत्पादों की कीमतों में इजाफा किया था, जो तीन से 13 प्रतिशत के दायरे में था। कंपनी ने अपने मार्जिन पर कच्चे माल की अधिक कीमतों की चोट से बचने के लिए दामों में यह बढ़ोतरी की थी। फरवरी में इसने विभिन् उत्पादों में कीमतों में बढ़ोतरी की थी, जिनमें लक्स, लाइफबॉय, डव शैम्पू, किसान जैम, हॉर्लिक्स, पेप्सोडेंट, सर्फ एक्सेल और विम बार शामिल थे।
वित्त वर्ष 22 की अक्टूबर-दिसंबर तिमाही के परिणामों की घोषणा के बाद सीएफओ और कार्यकारी निदेशक (वित्त और आईटी) रितेश तिवारी ने कंपनी के सम्मेलन में निवेशकों से कहा था कि हम शुद्ध राजस्व प्रबंधन या मूल्य निर्धारण विज्ञान का उपयोग करते हुए व्यवस्थित प्रक्रिया के माध्यम से मूल्य निर्धारण बढ़ाना जारी रख रहे हैं।
कंपनी के परिणामों के बाद तिवारी ने एक संवाददाता सम्मेलन में यह भी कहा कि कंपनी का तकरीबन 30 प्रतिशत कारोबार उन पैक से आता है, जिनके दाम एक रुपया, पांच रुपये और 10 रुपये हैं तथा इन पैक में एचयूएल ने कीमतें बढ़ाने के बजाय वजन कम करना पसंद किया है, जिसके परिणामस्वरूप समान संख्या में इकाइयों को बेचने के बावजूद मात्रा में गिरावट आई है।
ऐक्सिस कैपिटल ने मार्च में समाप्त होने वाली तिमाही के लिए एचयूएल के संंबंध में अपनी पूर्वावलोकन रिपोर्ट में कहा है कि ग्रामीण क्षेत्र में मंदी और वजन कम करके दाम वृद्धि की वजह से इसकी मात्रात्मक वृद्धि में कमी नजर आएगी।
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