नई दिल्ली, 12 अप्रेल। हिंद मजदूर सभा (HMS) से कोल इंडिया लिमिटेड (CIL) के सेफ्टी बोर्ड में सदस्य अख्तर जावेद उस्मानी द्वारा नियमों को ठेंगा दिखाते हुए माइंस निरीक्षण का मामला सामने आया है।
अख्तर जावेद उस्मानी 11 अप्रेल को बीसीसीएल कुसुंडा क्षेत्र 6 खदान में निरीक्षण के लिए पहुंचे थे। निरीक्षण की जो तस्वीरें सामने आईं हैं, इसमें देखा जा सकता है कि श्री उस्मानी कुर्ता पायजामा और सैंडल धारण किए हुए हैं। तस्वीर में एक और व्यक्ति ने भी सैंडल पहना हुआ है। साथ में संबंधित अधिकारी उन्हें खदान की जानकारी देते हुए दिख रहे हैं।
दरअसल अख्तर जावेद उस्मानी ने खदान के दौरे के दौरान कोल माइन रेग्यूलेशन- 2017 (Coal Mines Regulation,2017) में निहित नियमों का पालन नहीं किया है।
कोल माइन रेग्यूलेशन- 2017 में व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरण (personal protective equipment) का उल्लेख है। इसके तहत खदान में कार्य अथवा भ्रमण के दौरान हेलमेट और सेफ्टी बूट धारण करना अनिवार्य है।
ओपनकास्ट और अंडरग्राउंड माइंस, दोनों के लिए नियम बने हुए हैं। व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरण धारण करवाने की जवाबदारी खान प्रबंधक और सुरक्षा अधिकारी की होती है।
जबकि श्री उस्मानी कोल इंडिया लिमिटेड के सेफ्टी बोर्ड के सदस्य हैं। ऐसे में उन पर सुरक्षा नियमों का पालन करने की जवाबदारी कहीं अधिक बनती है। इसके पहले भी कई बार कोल माइन रेग्यूलेशन के नियमों की धज्जियां उड़ाई जा चुकी हैं। नियमों की धज्जियों उड़ाने वालों में वे लोग अधिक होते हैं, जिन पर इसका पालन करवाने की जिम्मेदारी होती है।
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चेयरमैन भी उड़ा चुके हैं नियमों की धज्जियां
यहां बताना होगा कि बीते साल 20 जुलाई को एसईसीएल की गेवरा, दीपका में सीआईएल चेयरमैन प्रमोद अग्रवाल का आगमन हुआ था। श्री अग्रवाल ने बगैर हेलमेट खदान का निरीक्षण किया था। इसके पहले 11 जुलाई को रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष एवं सीईओ वीके त्रिपाठी गेवरा, दीपका स्थित कोल साइडिंग, सीएचपी के दौरे पर पहुंचे थे। उन्होंने भी हेलमेट धारण नहीं किया था। इसके पहले खुद कोयला मंत्री अपने परिवार के साथ बगैर हेलमेट खदान में उतरे थे। बीते साल ही बीसीसीएल के कुसुंडा क्षेत्र की एना कोलियरी के भ्रमण पर अधिकारियों के परिवार की महिला सदस्य पहुंची थी। इस दौरान किसी ने भी हेलमेट और सेफ्टी बूट नहीं पहना था। भारी मशीनों पर चढ़कर तस्वीरें भी ली गई थीं।