नई दिल्ली, 21 नवम्बर। एचएमएस नेता एवं जेबीसीसीआई सदस्य शिवकुमार यादव ने ABKMS के महामंत्री सुधीर घुरडे के बयान पलटवार किया है।
श्री यादव ने कहा कि कोयला कामगारों के वेतन समझौते के संदर्भ में पहले बीएमएस के कोल प्रभारी लक्ष्मा के. रेड्डी का बयान आया था कि डीपीई कोई मुद्दा नहीं है। अब अखिल भारतीय खदान मजदूर संघ (ABKMS) के महामंत्री सुधीर घुरडे कह रहे हैं कि वेतन समझौते में डीपीई की गाइडलाइन कोई बाधा नहीं है।
शिवकुमार यादव ने कहा कि अगर डीपीई मुद्दा नहीं है तो 30 नवम्बर को होने वाली बैठक में बीएमएस बेहतर वेतन समझौता कराए। एचएमएस और सीटू उनके साथ रहेगा। एटक से भी इस विषय पर बात करने का प्रयास किया जाएगा। बीएमएस नेतृत्व करे हम लोग उनके साथ रहेंगे। अगर समझौता नहीं होता है तब उसी वक्त बीएमएस के नेतृत्व में हड़ताल का नोटिस दिया जाएगा। हम सभी हड़ताल के नोटिस पर साइन करेंगे।
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यहां बताना होगा कि रविवार को industrialpunch.com से चर्चा करते हुए अखिल भारतीय खदान मजदूर संघ के महामंत्री सुधीर घुरडे ने कहा था कि डिपार्टमेंट ऑफ पब्लिक इंटरप्राइजेस (DPE) की गाइडलाइन वेतन समझौते में किसी प्रकार की बाधा उत्पन्न नहीं करती है। मामला केवल वेतन विसंगति से जड़ा है। डीपीई की गाइडलाइन कोयला कामगारों में किसी प्रकार की अड़चन पैदा नहीं कर रही है। पिछले दिनों कोल इंडिया के निदेशक (कार्मिक) विनय रंजन ने भी स्पष्ट कर दिया है कि वेतन समझौते में डीपीई की गाइडलाइन कोई बाधा नहीं है। निदेशक कार्मिक के अनुसार कंपनी के अधिकारियों और कर्मचारियों के बीच वेतन विसंगति के मामले को डीपीई से अवगत करा दिया गया है और इस संदर्भ में डीपीई से दिशा निर्देश मांगा गया है।
श्री घुरडे ने कहा था कि सीआईएल प्रबंधन और कुछ यूनियन के लोगों द्वारा डीपीई की गाइडलाइन को मुद्दा बना गुमराह किए जाने का काम किया जा रहा है। अखिल भारतीय खदान मजदूर संघ के महामंत्री ने कहा था कि कोयला कामगारों का सम्मानजनक वेतन समझौता होगा और जल्द होगा। बीएमएस इसके लिए कटिबद्ध है और सीआईएल प्रबंधन पर दबाव बनाए हुए है।
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