नई दिल्ली, 26 अप्रेल। बीएमएस (BMS) नेताओं की सोशल प्लेटफॉर्म पोस्ट में इंटक और एचएमएस के नेताओं पर 11वें वेतन समझौते में देरी करने साजिश के आरोप पर शिवकुमार यादव ने पलटवार किया है।
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HMS से सम्बद्ध कोयला श्रमिक सभा के केन्द्रीय अध्यक्ष एवं जेबीसीसीआई सदस्य श्री यादव ने industrialpunch.com से चर्चा करते हुए कहा कि बीएमएस चार्टर ऑफ डिमांड (COD) के बिन्दुओं से बाहर जाकर समझौता करने का प्रयास कर रहा है। 9वीं बैठक में उनके कुछ नेताओं ने सीओडी के अनुसार पक्ष नहीं रखा। नर्सिंग अलाउंस इसका उदाहरण है। सीओडी में नर्सिंग अलाउंस बेसिक का 5 फीसदी मांगा गया है, लेकिन मात्र पांच रुपए पर सहमति दी जा रही है। बीएमएस के जेबसीसीआई सदस्य उचित मांगों से परे वेतन समझौता करने में जल्दबाजी कर रहे हैं। सभी चाहते हैं 11वां वेतन समझौत जल्द पूर्ण हो जाए, लेकिन कामगारों का अहित करते हुए नहीं।
श्री यादव ने कहा एक से 7 तक की जेबीसीसीआई की बैठकों के दौरान जब एमजीबी को लेकर सहमति नहीं बन पा रही थी तो इस बीच चार्टर ऑफ डिमांड के कुछ महत्वपूर्ण बिन्दुओं पर चर्चा कर निर्णय लिया जा सकता था। सीओडी में 118 बिन्दु हैं। इस दौरान बीएमएस के नेताओं के कारण चार्टर ऑफ डिमांड पर चर्चा नहीं हो सकी। ऐसे में वेतन समझौते में देरी के लिए बीएमएस जिम्मेदार है न की दूसरे श्रमिक संगठन।
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एचएमएस नेता ने कहा कि यह अजीब आरोप है कि इंटक वेतन समझौते में देरी करवा रहा है, इंटक की एंट्री 9वें बैठक में हुई है। इंटक ने 9वीं बैठक में आते ही 19 फीसदी एमजीबी पर सहमति जता दी। जबकि इंटक के नेता बाहर रहकर 25 फीसदी की डिमांड कर रहे थे।
श्री यादव ने कहा कि बीएमएस को लग रहा है दूसरे यूनियन वेतन समझौता में देरी करा रहे हैं तो उनके नेता अधिकारिक तौर पर यह कह दें कि कोयला कामगारों की सभी जायज मांगों को वो पूरा करा देंगे। एचएमएस नेता ने कहा कि बीएमएस के सुरेन्द्र पांडेय व केपी गुप्ता ही ऐसे नेता हैं जो तकनीकी रूप से अपनी बात रखते हैं।
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श्री यादव ने कहा कि एचएमएस कोयला कामगारों के हितों प्रति अपना दायित्व बखूबी निभा रहा है। यही कारण है कि एमएचएस कोल सेक्टर का सबसे बड़ा यूनियन है। एचएमएस कामगारों के हितां से परे जाकर कोई समझौता नहीं करेगा।