पब्लिक सेक्टर्स में बैंकों के हालिया विलय के मद्देनजर, कई खाताधारकों को अपने पुराने इंडियन फाइनेंशियल सिस्टम कोड (IFSC) को हटाना होगा। गैजेट्स नाउ की एक रिपोर्ट के अनुसार, पुराने IFSC कोड ब ऑनलाइन बैंकिंग के लिए मान्य नहीं होंगे। पब्लिक सेक्टर में इन विलय में सिंडिकेट बैंक, इलाहाबाद बैंक, देना बैंक, यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया, विजया बैंक, ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स, आंध्रा बैंक और कॉर्पोरेशन बैंक शामिल हैं।
इन बैंकों में खाताधारकों को किसी भी ऑनलाइन बैंकिंग लेनदेन की सुविधा का इस्तेमाल करने के लिए नए विलय के बाद के बैंक नियमों के अनुसार अपने पुराने IFSC कोड बदलने की जरूरत होगी। इसलिए अकाउंट होल्डर्स बताए गए बैंकों से या उनके लिए ऑनलाइन बैंक ट्रांसफर करना चाहते हैं, तो उन्हें संबंधित ऑनलाइन बैंकिंग वेब पोर्टल से पेयी की लिस्ट से बेनिफिशरी को हटाना होगा।
पोर्टल के जरिए अकाउंट होल्डर्स नए IFSC कोड के लिए रजिस्ट्रेशन कर सकते हैं, जिसमें सभी डिटेल्स को फिर से ऐड करना होगा। इन नई शर्तों के तहत पेयी की लिस्ट को फिर से लिस्टेड और रजिस्टर्ड करने की जरूरत है।
ये उनके नाम, खाता नंबर, कॉन्टैक्ट डिटेल्स और बैंक डिटेल्स जोड़कर किया जाता है, जिसमें नए IFSC कोड शामिल होते हैं। रजिस्ट्रेशन पेंडिंग होने के बाद ही नए विलय वाले बैंकों के खाताधारक नेट बैंकिंग सुविधाओं के जरिए ऑनलाइन पैसे ट्रांसफर कर सकेंगे।
ये भी ध्यान देने की जरूरत है कि अगर कोई स्थायी निर्देश या शेड्यूल भुगतान मौजूद हैं, तो उन्हें पहले हटाना होगा और फिर उचित परिणाम प्राप्त करने के लिए फिर से जोड़ना होगा।
जो विलय हो रहे हैं वे इस प्रकार हैं – सिंडिकेट बैंक का केनरा बैंक में विलय, इलाहाबाद बैंक का इंडियन बैंक में विलय, विजया बैंक और देना बैंक दोनों को बैंक ऑफ बड़ौदा के अंतर्गत लिया गया है।
सिंडिकेट बैंक और केनरा बैंक के बीच विलय 2019 में नए बैंकिंग सुधार लाने के लिए राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) सरकार की योजना के प्रकाश में आया।