पिछले दो वर्षों में, 27 प्रतिष्ठानों ने अपनी छूट वापस ले ली है, जिससे लगभग 30,000 कर्मचारी जुड़े हैं और कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) के तहत कोष में 1688.82 करोड़ रुपये की राशि जमा हुई है।
सुधरी हुई सेवाओं के कारण, ज्यादातर प्रतिष्ठान ईपीएफओ द्वारा दी गई अपनी छूट वापस ले रहे हैं। ये प्रतिष्ठान ईपीएफओ को अपने कर्मचारियों के भविष्य निधि (पीएफ) का सीधे प्रबंधन करने देना पसंद करते हैं। इससे उन्हें अपनी मुख्य व्यावसायिक गतिविधियों पर ध्यान केंद्रित करने में ज्यादा आसानी होती है।
दावों के तेजी से निपटान, उच्च रिटर्न दर, मजबूत निगरानी और जुड़ाव में आसानी के साथ, ईपीएफओ द्वारा प्रतिष्ठानों और सदस्यों, दोनों को, दी जाने वाली सेवाओं में लगातार सुधार हो रहा है।
श्रम और रोजगार मंत्रालय के अंतर्गत ईपीएफओ ने गत वर्ष ईपीएफ अधिनियम के तहत छूट प्राप्त प्रतिष्ठानों के लिए अनुपालन प्रक्रियाओं को सुव्यवस्थित करने हेतु कई कदम उठाए हैं।
प्रक्रियाओं को मानकीकृत करने के एक प्रयास में, ईपीएफओ ने पहली बार छूट प्राप्त प्रतिष्ठानों के लिए सभी प्रक्रियाएं जो प्रासंगिक हैं, को शामिल करते हुए विस्तृत मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) और मैन्यूअल प्रकाशित किए हैं। इसके अतिरिक्त, डिजिटलीकरण की दिशा में एक बड़े कदम के रूप में, छूट को वापस करने की प्रक्रिया को सरल बनाने हेतु जल्द ही एक नया सॉफ्टवेयर और पोर्टल शुरू किया जाएगा।
जो प्रतिष्ठान अपने कर्मचारियों के पीएफ कोष का प्रबंधन करना चाहते हैं, उन्हें ईपीएफ अधिनियम की धारा 17 के तहत छूट प्राप्त करने की जरूरत है। इससे ईपीएफओ उन प्रतिष्ठानों को वैधानिक योगदान दिए बिना अपने स्वयं के पीएफ ट्रस्ट के प्रबंधन करने की अनुमति देता है। ऐसे छूट प्राप्त प्रतिष्ठानों को वैधानिक रूप से ऐसे लाभ मुहैया कराने के लिए बाध्य किया जाता है, जो कम से कम ईपीएफओ द्वारा ग्राहकों को प्रदान किए जाने वाले लाभों के बराबर हों और अधिनियम में उल्लिखित छूट की अधिसूचित शर्तों का अनुपालन करें।
31 मार्च 2023 तक, 1002 छूट प्राप्त प्रतिष्ठान हैं, जो 31,20,323 सदस्यों के 3,52,000 करोड़ रुपये के कोष का प्रबंधन कर रहे हैं।
अपने हितधारकों पर ईपीएफओ के बढ़ते फोकस के साथ-साथ सदस्यों के लिए स्थिर रिटर्न देने वाले पेशेवर रूप से प्रबंधित फंडों ने छूट को वापस करने की प्रवृत्ति को बढ़ावा दिया है।