ग्लोबल मीथेन इनिशिएटिव (जीएमआई) की स्टीयरिंग लीडरशिप बैठक को वर्चुअल तौर पर आयोजित किया गया। इस ग्लोबल इनिशिएटिव के वाइस चेयरमैन के तौर पर कोयला मंत्रालय के अपर सचिव वी.के. तिवारी ने प्रतिभागियों को मीथेन के उत्सर्जन को कम करने की दिशा में भारत द्वारा किए जा रहे उपायों के बारे में बताया। मीथेन का उत्सर्जन एक बड़ी चिंता का विषय है, क्योंकि यह कार्बन डाइऑक्साइड की तुलना में 25-28 गुना हानिकारक प्रभाव वाली ग्रीनहाउस गैस है।
ग्लोबल मीथेन इनिशिएटिव (जीएमआई) एक स्वैच्छिक सरकारी तथा एक अनौपचारिक अंतरराष्ट्रीय साझेदारी है, जिसमें संयुक्त राज्य अमेरिका एवं कनाडा सहित 45 देशों के सदस्य हैं। विकसित तथा कमजोर अर्थव्यवस्थाओं वाले विकासशील देशों के बीच साझेदारी के माध्यम से एंथ्रोपोजेनिक मीथेन उत्सर्जन में वैश्विक कमी लाने के उद्देश्य से इस फोरम का गठन किया गया है।
फोरम को 2004 में गठित किया गया था। इसकी स्थापना के बाद से भारत इस फोरम का सदस्य है। भारत ने संयुक्त राज्य अमरीका के साथ स्टीयरिंग लीडरशिप में पहली बार वाइस-चेयरमैन का कार्य अपने हाथ में लिया है। स्टीयरिंग लीडरशिप की अध्यक्षता का जिम्मा कनाडा है।
निकट भविष्य में अगले दौर की बैठक के आयोजन सहित कई निर्णय लिए गए। कनाडा तथा अमरीका दोनों ने मीथेन गैस के उत्सर्जन को कम करने और उसका दोहन करने में भारत द्वारा उठाए गए कदमों की सराहना की।
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