पीएम मोदी ने शुक्रवार को नई दिल्ली के प्रगति मैदान में देश के सबसे बड़े ड्रोन उत्सव ”भारत ड्रोन महोत्सव 2022” का उद्घाटन किया। इस बीच पीएम मोदी ने कार्यक्रम के दौरान किसान ड्रोन पायलटों से बातचीत की और ओपन एयर ड्रोन उड़ान प्रदर्शन का अवलोकन भी किया। केवल इतना ही नहीं पीएम मोदी ने इस क्षेत्र से जुड़े स्टार्टअप्स के लोगों से भी बातचीत और चर्चा की।
स्टार्टअप सहित 1,600 से अधिक प्रतिनिधियों ने लिया हिस्सा
इस दो दिवसीय महोत्सव में सरकारी अधिकारियों, विदेशी राजनयिकों, सशस्त्र बलों, केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों, सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रमों, निजी कंपनियों और ड्रोन स्टार्टअप आदि सहित 1,600 से अधिक प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया। महोत्सव में 70 एग्जिबिटर अपने ड्रोन तकनीक को प्रदर्शित करने जा रहे हैं।
ड्रोन टेक्नॉलॉजी को लेकर भारत में अद्भुत उत्साह
उधर, ड्रोन महोत्सव में पीएम मोदी ने कहा कि ”ड्रोन टेक्नॉलॉजी को लेकर भारत में अद्भुत उत्साह देखने को मिल रहा है। यह ऊर्जा भारत में ड्रोन सर्विस और ड्रोन आधारित इंडस्ट्री की लंबी छलांग का प्रतिबिंब है। यह भारत में रोजगार सृजन के एक उभरते हुए बड़े सेक्टर की संभावनाएं दिखाती है।”
आत्मनिर्भर भारत की तरफ बड़े कदम की ओर ड्रोन तकनीक
दरअसल, आत्मनिर्भर भारत की तरफ बड़े कदम की ओर ड्रोन तकनीक बड़ी भूमिका निभाने वाली है। महोत्सव में अन्य कार्यक्रमों के अलावा ड्रोन पायलट प्रमाणपत्र का वर्चुअल वितरण, उत्पादों की लॉन्चिंग, पेनल चर्चा, उड़ान प्रदर्शन, मेड इन इंडिया ड्रोन टैक्सी प्रोटोटाइप की प्रदर्शनी आदि को भी शामिल किया गया है।
क्या होता है ड्रोन?
‘ड्रोन’ यानि ‘अनमैंड एरियल व्हीकल’ जिसे हम मानव रहित विमान भी कहते हैं। यह आकार में बहुत छोटे होते हैं और ये रिमोट से संचालित होते हैं। वैसे यह विमान जैसा दिखता है लेकिन विमान नहीं है। इसे आप एक रोबोट के तरीके से समझिए जो कि उड़ सकता है। प्राय: इसको बैटरी चार्ज के जरिए उड़ाया जा सकता है।
ड्रोन देश की वर्तमान स्थिति के परिपेक्ष में कितना महत्वपूर्ण ?
ड्रोन देश की वर्तमान स्थिति के परिपेक्ष में कितना महत्वपूर्ण है, यदि इसे गहराई से समझना है तो सबसे पहले हमें समझना होगा कि देश की जियो पॉलिटिकल कंडिशन कैसे बदल रही है। जी हां, जब हम अपने देश में हो रहे परिवर्तनों को बारीकी से समझेंगे तो हमें समझ में आएगा कि ड्रोन वर्तमान स्थिति के परिपेक्ष में कितना महत्वपूर्ण है।
ड्रोन का इस्तेमाल
आज के समय में ड्रोन का इस्तेमाल एग्रीकल्चर से लेकर डिफेंस में किया जा रहा है। डिफेंस में खासतौर से इन्हें स्ट्रेटजिकली इस्तेमाल किया जा सकता है। साथ ही साथ रोजमर्रा की जो हमारी इंडस्ट्री है उनमें भी ड्रोन का इस्तेमाल किया जा सकता है। इसके अलावा पुलिसिंग में भी ड्रोन का इस्तेमाल निगरानी रखने के लिए किया जा सकता है।
भविष्य में फ्यूचर ड्रोन का
वैसे देखा जाए तो भविष्य में फ्यूचर ड्रोन का ही है। आने वाले वक्त में आपको माइक्रो लेवल पर किस तरीके से मैनेजमेंट संभालना है, उन सब स्थितियों में किन सब चीजों पर आप निगाह रख सकते हैं, उसमें ड्रोन बहुत अहम भूमिका निभाएंगे। ड्रोन एग्रीकल्चर की यदि हम बात करें तो सरकार जिस तरीके से बात कर रही है कि किसानों की आय को बढ़ाया जाए और उन्हें एक ऐसे लेवल पर ले जाकर खड़ा किया जाए जहां वे आंत्रप्रेन्योरशिप की तरफ से आगे बढ़ें तो इन सबमें ड्रोन काम आता है। इसके अलावा यदि किसान को अपने खेत में फसल का जायजा लेने के लिए एरियल व्यू यानि आसमान से उसे देखने की जरूरत है तो ड्रोन इसे साकार कर सकता है। वहीं यदि फसलों पर कीटनाशकों व फर्टिलाइजर का छिड़काव भी करना है तो ड्रोन इसमें बहुत अहम रोल अदा करते हैं।
बेहतर पॉलिसी के जरिए ड्रोन से जुड़े फील्ड को रेगुलराइज करने की सरकार की कोशिश
इन सारी प्रगतियों को देखते हुए लगातार सरकार इस चीज की कोशिश कर रही है कि बेहतर पॉलिसी के जरिए इस पूरे फील्ड को रेगुलराइज किया जाए और जो नए-नए स्टार्टअप आ रहे हैं उसमें इन सबको इंवॉल्व किया जाए क्योंकि अगर टेक्नोलॉजी की हम बात करें तो टेक्नोलॉजी के मामले में हमारे स्टार्टअप वर्ल्ड क्लास टेक्नोलॉजी लेकर चल रहे हैं। लेकिन किस तरीके से वर्ल्ड क्लास मार्केट में जगह बनाई जाए और किस तरह से हमारे स्टार्टअप्स को वहां बेहतर माहौल मिले केंद्र सरकार इन सब चीजों की तैयारी में लगी है।
सरकार की ओर से एक कोशिश यह भी हो रही है कि सरकार की ओर से जितने भी सरकारी PSU हैं या डिफेंस PSU की बात करें या गवर्नमेंट ऑर्गेनाइजेशन हैं, पुलिसिंग की बात करें तो उनमें कोलैबोरेटिव मोड में कई तरह के स्टार्टअप हैं, उनको लेकर आगे बढ़ा जा सकता है, ये सारी कोशिशें सरकार की ओर से की जा रही है।
नई ड्रोन पॉलिसी 2021
सरकार की ओर से ‘नई ड्रोन पॉलिसी-2021’ लाई गई। इसका विजन पूरे देश में बेहतर इंसेंटिव के जरिए न केवल प्रोडक्शन को बढ़ाया जाए बल्कि तकनीक को भी बढ़ाने का है। नई ड्रोन पॉलिसी 2021 यह भी कहती है कि देश के तमाम क्षेत्र लगातार मैन्युफैक्चरिंग हब के रूप में उभरें और भारत ड्रोन मैन्युफैक्चरर के बतौर जाना जाएं।
2030 तक भारत बनेगा ड्रोन हब
इसी आधार पर अब कहा जा रहा है कि साल 2030 तक भारत ड्रोन हब बन जाएगा। तभी तो यह उत्सव सिर्फ ड्रोन का नहीं, बल्कि नए भारत-नई गवर्नेंस का उत्सव है। ऐसे में वाकयी ड्रोन टेक्नोलॉजी को लेकर भारत में जो उत्साह देखने को मिल रहा है, वो अद्भुत है। खासतौर से युवाओं में ड्रोन को लेकर खासा उत्साह है। ड्रोन तकनीक को बढ़ावा देने से युवाओं को भी काफी प्रोत्साहन मिल रहा है।
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