भारतीय रेलवे ने सिग्नलिंग, दूरसंचार और अन्य बुनियादी ढांचे के विकास के आधुनिकीकरण के लिए लगभग 55,000 करोड़ रुपए के निवेश की परिकल्पना की है। रेलवे ने अब तक दो हजार दो सौ 21 रेलवे स्टेशनों पर इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग शुरू की है। ट्रेन संचालन में डिजिटल प्रौद्योगिकियों का लाभ उठाने और सुरक्षा बढ़ाने के लिए इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग को बड़े पैमाने पर अपनाया जा रहा है।

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रेलवे बोर्ड इंफ्रास्ट्रक्चर के सदस्य संजीव मित्तल ने संवाददाताओँ से कहा कि स्पेक्ट्रम आवंटन और अत्याधुनिक सिग्नलिंग प्रणाली के प्रावधान से रेलवे परिचालन में चौतरफा सुरक्षा को बढ़ावा मिलेगा। उन्होंने कहा कि सिग्नल बैंडविड्थ की अधिक उपलब्धता से मानवीय त्रुटि के कारण रेलगाड़ियों के आपस में टकराने की घटनाओं को समाप्त करने और गति क्षमता बढ़ाने में मदद मिलेगी।

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