कोरबा, 20 दिसम्बर (Industrial Punch Desk) : संयंत्र से उत्सर्जित राख उपयोगिता (ash utilization) के अलग- अलग आंकड़े उपलब्ध कराए जा रहे हैं। मामला नेशनल थर्मल पॉवर लिमिटेड, कोरबा (NTPC Korba) संयंत्र का है। छत्तीसगढ़ विधानसभा (Chhattisgarh Legislative Assembly) में प्रस्तुत जानकारी में राख की उपयोगिता 81.66 प्रतिशत बताई गई है। एनटीपीसी की वार्षिक रिपोर्ट में यह आंकड़ा 60.57 फीसदी है।
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कोरबा में एनटीपीसी का 2600 मेगावाट (MW) क्षमता वाला संयंत्र प्रचालन में है। संयंत्र से सालाना औसतन 50 लाख टन राख का उत्सर्जन होता है। संयंत्र को राख का शत प्रतिशत उपयोग करना है।
छत्तीसगढ़ विधानसभा का शीतकालीन सत्र चल रहा है। इसमें वित्तीय वर्ष 2023- 24 में एनटीपीसी, कोरबा द्वारा राख का उत्सर्जन और इसकी उपयोगिता को लेकर जानकारी उपलब्ध कराई गई है।
विधानसभा में प्रस्तुत की गई जानकारी के अनुसार एनटीपीसी, कोरबा द्वारा 2023- 24 में 51 लाख 95 हजार 546 टन राख का उत्सर्जन किया गया। राख की उपयोगिता 42 लाख 42 हजार 772 टन यानी 81.66 प्रतिशत बताई गई है। ब्रिक्स मैन्यूफैक्चरिंग, लैंड फिलिंग, ऐश डाइक रेजिंग, माइन फिलिंग, रोड कन्सट्रक्शन में राख का उपयोग किया जाना बताया गया है।
विधानसभा में प्रस्तुत आंकड़ो पर सवाल इसलिए उठाया जा रहा है, क्योंकि राख उत्सर्जन और राख उपयोगिता के आंकड़ों में अंतर है। दरअसल एनटीपीसी लिमिटेड की वित्तीय वर्ष 2023- 24 की वार्षिक रिपोर्ट में दर्शाये गए आंकड़े कुछ और कहते हैं। वार्षिक रिपोर्ट के पृष्ठ क्रमांक 252 में संयंत्रवार राख उत्सर्जन और राख उपयोगिता का विवरण का उल्लेखित है। वार्षिक रिपोर्ट के अनुसार एनटीपीसी, कोरबा द्वारा 2023- 24 में 52 लाख 68 हजार टन राख का उत्सर्जन किया गया। उपयोगिता 31 लाख 91 हजार टन की रही। यानी 60.57 प्र्रतिशत राख का उपयोग किया गया। विधानसभा में प्रस्तुत और एनटीपीसी की वार्षिक रिपोर्ट में राख उपयोगिता के आंकड़ों में एक लाख 51 हजार 772 टन यानी 21.09 प्रतिशत का अंतर है।
जानकारी के अनुसार विद्युत संयंत्र से उत्सर्जित राख संबंधी आंकड़े छत्तीसगढ़ पर्यावरण संरक्षण मंडल (CG Environment Conservation Board) के जिले में स्थित कार्यालय के माध्यम से राज्य के आवास एवं पर्यावरण मंत्रालय तक पहुंचते हैं। छत्तीसगढ़ पर्यावरण संरक्षण मंडल को यह आंकड़े संयंत्र प्रबंधन द्वारा उपलब्ध कराए जाते हैं। राख उपयोगिता के अलग- अलग आंकडो से पता चलता है कि एनटीपीसी, कोरबा प्रबंधन ने विधानसभा को गलत जानकारी उपलब्ध कराई है। एनटीपीसी, कोरबा का राख उपयोगिता का रिकार्ड सबसे खराब है।
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एनटीपीसी, कोरबा प्रबंधन से इस संदर्भ अधिकृत वक्तव्य चाहा गया था, लेकिन जनसंपर्क विभाग एवं परियोजना प्रमुख द्वारा कोई रिस्पांस नहीं दिया गया।