थोक के बाद खुदरा महंगाई दर में भी इजाफा हुआ है। सितंबर महीने में उपभोक्‍ता मूल्‍य सूचकांक (सीपीआई) पर आधारित खुदरा महंगाई दर सालाना आधार पर उछल कर 5.49 फीसदी पर पहुंच गई है। अगस्त में यह 3.65 फीसदी थी। ये 9 महीने का उच्चतम स्तर है।

खराब मौसम और सब्जियों के महंगे होने का असर

वाणिज्‍य एवं उद्योग मंत्रालय ने जारी एक बयान में बताया कि खराब मौसम और सब्जियों के महंगे होने से सितंबर महीने में खुदरा महंगाई बढ़कर 5.49 फीसदी पर पहुंच गई है। अगस्त महीने में यह 3.65 फीसदी पर थी। पिछले साल सितंबर माह में खुदरा महंगाई 5.02 फीसदी थी। आंकड़ों के मुताबिक खाद्य वस्तुओं की महंगाई सितंबर में उछलकर 9.24 फीसदी हो गई है, जो पिछले महीने अगस्त में 5.66 फीसदी और एक साल पहले इसी महीने में 6.62 फीसदी थी। शहरी महंगाई महीने-दर-महीने के आधार पर 3.14 फीसदी से बढ़कर 5.05 फीसदी हो गई है। ग्रामीण महंगाई 4.16 फीसदी से बढ़कर 5.87 फीसदी पर पहुंच गई है।

इन वस्तुओं के कीमत में आई कमी

ग्रामीण मुद्रास्फीति 5.87% रही, जबकि शहरी मुद्रास्फीति 5.05% दर्ज की गई, जो विभिन्न क्षेत्रों में निरंतर मूल्य दबाव को दर्शाती है। यह वृद्धि कई खाद्य श्रेणियों में बढ़ी हुई कीमतों के कारण हुई, हालांकि दालों, मसालों, मांस, मछली, चीनी और कन्फेक्शनरी की कीमतों में गिरावट से कुछ राहत मिली।

आवास मुद्रास्फीति में मामूली वृद्धि

आवास मुद्रास्फीति में मामूली वृद्धि देखी गई, जो अगस्त में 2.66% से सितंबर में 2.78% तक पहुंच गई। चूंकि आवास लागत की गणना केवल शहरी क्षेत्रों के लिए की जाती है, इसलिए यह वृद्धि उच्च किराये और आवास-संबंधी खर्चों को दर्शाती है। बिजली मुद्रास्फीति भी बढ़कर 5.45% हो गई, जो पिछले महीने 4.91% थी, तथा अखिल भारतीय बिजली सूचकांक 162.4 से बढ़कर 162.5 हो गया।

थोक महंगाई दर सालाना आधार पर बढ़कर 1.84 फीसदी पर पहुंची

इससे पहले वाणिज्‍य एवं उद्योग मंत्रालय ने कहा कि सितंबर महीने में थोक महंगाई दर सालाना आधार पर बढ़कर 1.84 फीसदी पर पहुंच गई है। इससे पिछले महीने अगस्त में यह दर घटकर 1.31 फीसदी पर आ गई थी। जुलाई में थोक महंगाई दर 2.04 फीसदी रही थी। मंत्रालय ने कहा कि सब्जियों और खाने-पीने के चीजों के दाम बढ़ने की वजह से थोक महंगाई दर बढ़ी है।

खाद्य पदार्थों की कीमतें सितंबर महीने में बढी

आंकड़ों के मुताबिक खाद्य पदार्थों की कीमतें सितंबर महीने में बढ़कर 9.47 फीसदी हो गई है, जबकि अगस्त में यह 3.26 फीसदी रही थी। हालांकि, सितंबर में ईंधन और बिजली की कीमतों में 4 फीसदी से अधिक की गिरावट आई है, जबकि पिछले महीने यह 0.67 फीसदी थी। वहीं, थोक मूल्‍य सूचकांक के प्राइमरी आर्टिकल की सलाना मुद्रास्फीति दर बढ़कर 6.59 फीसदी हो गई है, जो अगस्त में 2.42 फीसदी र‍ही थी। हालांकि, मैन्युफैक्चरिंग उत्‍पादों की थोक महंगाई दर 1.22 फीसदी से घटकर एक फीसदी पर आ गई है।

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