नई दिल्ली, 15 मई 2024: इन्फोसिस साइंस फाउंडेशन- Infosys Science Foundation (ISF) ने आज इन्फोसिस प्राइज को नई दिशा देने की घोषणा की है। इस पुरस्कार को अब मिड-करियर प्राइज से अर्ली-करियर प्राइज श्रेणी में बदला जाएगा। इसका उद्देश्य प्रतिभाशाली युवाओं को सम्मानित करना और उनके भविष्य की उपलब्धियों की संभावना की पहचान करना है। व्यापक प्रभाव सुनिश्चित करने के लिए इस पुरस्कार की अधिकतम उम्र सीमा को संशोधित करते हुए 40 वर्ष किया गया है।
इन्फोसिस प्राइज का मूल उद्देश्य ऐसे सर्वश्रेष्ठ शोध को चिह्नित करना रहा है, जिनसे मानवता को लाभ हो और जो भारत के युवा एवं महत्वाकांक्षी वैज्ञानिकों के लिए प्रेरणा बनकर सामने आएं। आगे भी इस प्राइज का मूल उद्देश्य यही रहेगा। व्यापक गठजोड़ एवं सुलभ पहुंच को बढ़ावा देने के अपने लक्ष्य को विस्तार देते हुए अब आईएसएफ में व्यवस्था की गई है कि ऐसे सभी विजेता, जो भारत के बाहर रहते हैं, उन्हें पुरस्कार प्राप्त करने के समय भारत में अपनी पसंद के किसी संस्थान में समय देना होगा। भारत के बाहर रहने वाले विजेताओं को भारतीय संस्थान में 30 दिन (अधिकतम दो ट्रिप में) का समय देना होगा, जिससे वे यहां के शोध समूहों के साथ नेटवर्क बना सकें और संवाद स्थापित कर सकें। साइंस फाउंडेशन का मानना है कि शुरुआती स्तर पर इस तरह का गठजोड़ सभी पक्षों के लिए लंबी अवधि में लाभकारी साझेदारी बनकर सामने आएगा।
इन्फोसिस प्राइज जिन श्रेणियों में प्रदान किए जाते हैं, उनमें कोई बदलाव नहीं किया गया है। हालांकि अब इकोनॉमिक्स को इन्फोसिस प्राइज में एक अलग श्रेणी के रूप में चिह्नित किया गया है। पहले इसे सोशल साइंसेज (सामाजिक विज्ञान) की श्रेणी में रखा जाता था। 2024 से इन्फोसिस प्राइज इन छह श्रेणियों -इकोनॉमिक्स, इंजीनियरिंग एंड कंप्यूटर साइंस, ह्यूमैनिटीज एंड सोशल साइंसेज, लाइफ साइंसेज, मैथमेटिकल साइंसेज और फिजिकल साइंसेज में प्रदान किया जाएगा।
इस बदलाव की व्यावहारिकता पर इन्फोसिस साइंस फाउंडेशन के प्रेसिडेंट क्रिस गोपालकृष्णन ने कहा, “15 साल पहले अपनी स्थापना के बाद से अब तक इन्फोसिस प्राइज ने विभिन्न क्षेत्रों की 92 प्रतिभाओं को सम्मानित किया है। इन्फोसिस प्राइज में यह बदलाव ऐसे युवा एकेडमीशियंश की पीढ़ी तैयार करने के हमारे लक्ष्य से प्रेरित है, जो वैज्ञानिक शोध के क्षेत्र में करियर बनाने के लिए उत्साहित हैं। साथ ही उन्हें ऐसा अवसर प्रदान करना है, जहां वे अपने काम को आगे बढ़ा सकें, जिससे समाज को व्यापक लाभ हो। हमारा मानना है कि यह बदलाव भविष्य के नवाचार को गति देने और युवाओं को एक बेहतर भविष्य बनाने की दिशा में लामबंद करने में उत्प्रेरक का काम करेगा। ”