महानदी कोलफील्ड्स लिमिटेड में इनोवेटिव रिमोटली पायलटेड एयरक्राफ्ट सिस्टम हुआ शुरू, सीआईएल चेयरमैन ने किया उद्घाटन

एमसीएल के इनोवेशन सेल और विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा डिज़ाइन किया गया, रिमोट मॉनिटरिंग के लिए “विहंगम“ नाम का पोर्टल मुंबई स्थित ड्रोन निर्माण, रोबोटिक्स और ऑटोमेशन के स्टार्ट-अप द्वारा बनाया गया था।

कोल इंडिया लिमिटेड (सीआईएल) की अनुषांगिक कंपनी महानदी कोलफील्ड्स लिमिटेड (एमसीएल) में एक इनोवेटिव रिमोटली पायलटेड एयरक्राफ्ट सिस्टम (आरपीएएस) का उद्घाटन किया गया।

एमसीएल के इनोवेशन सेल और विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा डिज़ाइन किया गया, रिमोट मॉनिटरिंग के लिए “विहंगम“ नाम का पोर्टल मुंबई स्थित ड्रोन निर्माण, रोबोटिक्स और ऑटोमेशन के स्टार्ट-अप द्वारा बनाया गया था।

यह अत्याधुनिक पहल कंपनी को इंटरनेट के माध्यम से रीयल-टाइम वीडियो तक पहुंचने में सक्षम बनाएगी और खदानों में ड्रोन के अन्य संबद्ध संभावित उपयोग-मामलों के लिए मार्ग प्रशस्त करेगी।

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कोल इंडिया लिमिटेड के अध्यक्ष प्रमोद अग्रवाल ने 285.05 करोड़ रुपये की फर्स्ट माइल कनेक्टिविटी (एफएमसी) परियोजना-लजकुरा साइलो की आधारशिला भी रखी, जिससे महानदी कोलफील्ड्स लिमिटेड (एमसीएल) में प्रति वर्ष 15 मिलियन टन प्रेषण क्षमता बढ़ जाएगी। प्रमोद अग्रवाल ने समलेश्वरी ओसीपी में चार एक सौ टन डंपर और एक मोबाइल वाटर स्प्रिंकलर की सेवा भी शुरू की।

सतत खनन के दृष्टिकोण को आगे बढ़ाते हुए, एमसीएल कुल 3,600 करोड़ रुपये के पूंजीगत व्यय से प्रदूषण मुक्त अत्याधुनिक रेक लोडिंग सिस्टम प्रदान करने के लिए नौ एफएमसी परियोजनाओं को लागू कर रहा है। इससे प्रति वर्ष 126 मिलियन टन की प्रेषण क्षमता भी बढ़ जाएगी, जिसके वर्ष 2024 तक पूरा होने की उम्मीद है।

एमसीएल वर्ष 1999 में पर्यावरण के अनुकूल भूतल खनन प्रौद्योगिकी पेश करने वाली पहली कोयला कंपनी थी। 66 सरफेस माइनर्स का सबसे बड़ा बेड़ा कंपनी के कुल कोयला उत्पादन में 95 प्रतिशत का योगदान दे रहा है।

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