नागपुर, 18 फरवरी। राष्ट्रीय खान मजदूर फेडरेशन (इंटक) के महासचिव एसक्यू जामा ने कहा कि 10वं वेतन समझौते के मेडिकल जांच सहित अन्य महत्वपूर्ण मुद्दों पर जेबीसीसीआई सदस्यों की चुप्पी कोयला कामगारों के लिए घातक साबित हो रही है।
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इंटक नेता ने जारी बयान में जेबीसीसीआई की तृतीय बैठक में पांच वर्ष के लिए वेतन समझौते पर प्रबंधन को जारी करने के लिए यूनियन का आभार जताया है। श्री जामा ने कहा कि डीपीई की गाइडलाइन कोयला उद्योग के लिए बंधककारक नहीं रही है। उन्होंने प्रबंधन द्वारा सीआईएल की परिस्थति ठीक नहीं होने संबंधी कथन को भ्रामक करार दिया है।
श्री जामा ने कहा कि 10वें वेतन समझौते के कई ऐसे महत्वपूर्ण मुद्दे हैं जिस पर चुप्पी घातक साबित हो सकती है। इसमें मेडिकल जांच- नौकरी- 9.3.0 9.4.0 9.5.0- आयु सुधार, 01/07/2016 से 20 लाख ग्रेच्युटी, पेंशन बढ़ोतरी, सेवानिवृत्त कामगार को CPRMS-NE के अंतर्गत कैशलेस इलाज व बिल का जल्द भुगतान, ठेका श्रमिकों को एचपीसी/सीआईएल वेतन एवं बोनस भुगतान आदि मुद्दे सम्मिलित हैं।
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राष्ट्रीय खान मजदूर फेडरेशन के महासचिव ने यह भी कहा कि इंटक को जेबीसीसीआई से राजनीतिक कारणों से बाहर रखे जाने के विरूद्ध लड़ाई लड़ी जा रही है, जल्द ही इसका साकारात्क परिणाम आएगा।
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