कोरबा (IP News). नेशनल कोज वेज एग्रीमेंट- 11 के लिए गठित जेबीसीसीआई ( Joint Bipartite Committee for the Coal Industry) से इंटक को बाहर रखने के खिलाफ कोलकाता हाईकोर्ट की शरण ली गई है। डा. जी संजीवा रेड्डी के नेतृत्व वाले इंटक से सम्बद्ध राष्ट्रीय खान मजदूर फेडरेशन इंटक ने हाईकार्ट में सोमवार का याचिका दायर की। मंगलवार, 22 जून को याचिका हाईकोर्ट में सूचीबद्ध हुई है। संभवतः सप्ताह से 10 दिनों के भीतर याचिका पर सुनवाई के लिए तारीख मुकर्रर हो सकती है।
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industrialpunch.com से चर्चा करते हुए फेडरेशन के महासचिव एसक्यू जामा ने बताया कि याचिका में दो प्रमुख डिमांड की गई है। पहला यह कि जेबीसीसीआई- 11 में इंटक को प्रतिनिधित्व दिया जाए। दूसरा यह कि जब तक याचिका पर कोर्ट कोई कार्यवाही नहीं करता तब तक जेबीसीसीआई- 11 की प्रक्रिया शुरू न की जाए। श्री जामा ने कहा कि हाईकार्ट को बताया गया है कि इंटक को जेबीसीसीआई में सम्मिलित किए जाने को लेकर किसी प्रकार की कोई लीगल रोक नहीं है। उन्होंने कहा कि कोल इंडिया राजनीतिक दबाव में काम कर रहा है और इसी के तहत इंटक को जेबीसीसीआई से दूर रखा गया है। एसक्यू जामा ने कहा कि नेशनल कोज वेज एग्रीमेंट एक से लेकर 10 तक में इंटक की प्रमुख भूमिका रही है। श्री जामा ने यह भी कहा कि यदि हाईकोर्ट से कोई निराकरण नहीं निकला तो सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया जाएगा।
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इधर, हाईकोर्ट को यह भी बताया गया है कि डा. जी संजीवा रेड्डी के नेतृत्व वाले इंटक के 3.30 करोड़ मजदूर सदस्य हैं। कोल इंडिया में भी इंटक सदस्यता में दूसरे नंबर पर है। ऐसे में इंटक की अनदेखी नहीं की जा सकती है।
यहां बताना होगा कि जेबीसीसीआई में बीएमएस व एचएमएस के 4-4 एवं सीटू व एटक से 3-3 प्रतिनिधि सम्मिलित किए हैं। इंटक को इससे बाहर रखा गया है।
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