कोरबा (आईपी न्यूज)। पूर्ववर्ती भाजपा सरकार के कार्यकाल में जांजगीर चांपा जिले में विद्युत संयंत्रों की स्थापना के लिए निजी कंपनियों के साथ एमओयू किए गए। इनमें तीन कंपनी ऐसी हैं जिसने संयंत्र स्थापित कर उत्पादन प्रारंभ करने के बाद भी 929 प्रभावित परिवारों को रोजगार नहीं दिया। एथेना छत्तीसगढ़ प्राइवट लिमिटेड ने तो एक भी परिवार को रोजगार नहीं दिया। राज्य सरकार के अधीन आने वाली छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत उत्पादन कंपनी का भी यही हाल है। इस सरकारी कंपनी ने 1303 परिवारों को अब तक रोजगार उपलब्ध नहीं कराया है। इस तरह से 2232 परिवार ऐसे हैं जिनकी जमीन प्लांट लगाने के लिए ली गईं, लेकिन इन्हें काम पर नहीं रखा गया है।
जानकारी के अनुसार जांजगीर चांपा जिले के नरियरा में केएसके महानदी प्रा, लि, ने विद्युत संयंत्र के लिए 645 परिवारों की जमीन अधिग्रहण की थी। इनमें जुलाई 2019 तक 247 परिवारोें को ही रोजगार दिया गया। जुलाई 2019 से फरवरी 2020 के बीच 8 और परिवारों को रोजगार प्रदान किया गया। 390 परिवार षेष बचे हैं जिन्हें रोजगार दिया जाना है। चांपा में स्थित प्रकाश इंडस्ट्रीज लिमिटेड ने 65 में केवल 15 परिवारों को ही रोजगार उपलब्ध कराया है। 50 परिवारों को रोजगार नहीं मिला है। जिले के सिंघीतराई में संयंत्र स्थापित करने वाली कंपनी एथेना छग पावर प्रा. लिमिटेड ने 489 परिवारों की भूमि ली थी, लेकिन कंपनी ने एक भी परिवार को रोजगार नहीं दिया है।
विद्युत उत्पादन कंपनी का सबसे खराब रिकार्ड
प्रभावित परिवारों को रोजगार नहीं देने के मामले में छग राज्य विद्युत उत्पादन कंपनी का सबसे खराब रिकार्ड है। राज्य सरकार की इस कंपनी द्वारा 2276 परिवारों को जमीन ली गई थी। इनमें 889 को ही रोजगार दिया जा सका। राज्य में नई सरकार आने के बाद 84 परिवारों को रोजगार दिया गया। वर्तमान में 1303 परिवार ऐसे है जो रोजगार की बाट जोह रहे हैं। आरकेएम पावरजेन प्राइवेट लिमिटेड ही एक ऐसी कंपनी है जिसने सभी 471 परिवारों को रोजगार उपलब्ध कराया है।

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