कोरबा (आईपी न्यूज)। छत्तीसगढ़ राज्य में माओवादियों के आंतक से बड़ा दायरा हाथियों के उत्पात का है। प्रदेश के 12 जिलों में इस विशालयकाय वन्य प्राणी की दस्तक है। बीते ढाई साल यानि 31 माह में हाथियों ने 195 इंसानों की जान ली है और 78 को घायल किया है। 14717.951 हेक्टेयर में लगी फसल को क्षति पहुंचाई है। 4 हजार 450 मकानों को ध्वस्त किया है। हाथियों के उत्पात से हुई जानमाल की क्षति के एवज में सरकार को 50 करोड़ 28 लाख 33 हजार 585 रुपए का मुआवजा बांटना पड़ा है। इससे हाथियों के प्रभाव का अंदाजा लगाया जा सकता है। गजराज से सबसे ज्यादा रायगढ़, कोरबा, सरगुजा, सूरजपुर, जश्पुर जिले प्रभवित हैं।
हाथियों द्वारा पहंचाई गई जिलेवार क्षति के आंकड़े, वित्तीय वर्ष 2017-18, 2018-19, 2019-20 (31 अक्टूबर तक की स्थिति)
जिला फसल (हे.में) घर मृतक घायल मुआवजा राशि
रायगढ़ 3228 623 48 11 11,90,69,270
कोरबा 2490 270 34 7 7,66,98,378
सूरजपुर 3507 1131 31 11 11,11,58,273
जशपुर 1234 1082 29 26 4,93,87,606
सरगुजा 879 1113 21 3 6,25,49,501
महासमुंद 1369 8 14 10 3,81,58,003
बलरामपुर 279 29 10 4 2,34,59,306
कोरिया 435 192 4 4 1,08,66,661
गरियाबंद 51 0 1 1 8,73,163
बलौदाबा. 432 2 1 1 84,79,703
रायपुर 49 0 1 0 13,16,684
बिलासपुर 760 0 1 0 8,16,837
कुल 14717 4,450 195 78 50,28,33,585
भूपेश सरकार ने दिखाई गंभीरता, लेमरू ऐलीफेंट रिजर्व पर काम किया शुरू
विधानसभा चुनाव के घोषणा पत्र में कांग्रेस ने कोरबा जिले में लेमरू ऐलीफेंट रिजर्व का वादा किया था। सरकार ने इस पर मुहर लगाते हुए प्रक्रिया प्रारंभ की है। 2 हजार वर्ग किलामीटर क्षेत्र में इसे विकसित किया जाएगा। इसमें चार वनमंडल क्षेत्र समाहित होंगे। रमन सरकार ने केन्द्र की मंजूरी के बावजूद निजी कंपनियों को कोल ब्लाॅक देने के लिए लेमरू ऐलीफेंट रिजर्व से हाथ खींच लिए थे। हालांकि बादलखोल- तमोर- पिंगला रिजर्व तैयार किया गया था, लेकिन इसका बड़ा लाभ नहीं हुआ है। सरकार की योजना लेमरू रिजर्व में प्रदेशभर के हाथियों को लाने की है। प्रदेश सरकार को इस दिशा में तेजी से काम करने की आवश्यकता होगी।