कोलकाता (IP News). जेबीसीसीआई- XI की पहली बैठक परिचयात्मक तौर पर आयोजित हुई। इसमें नेशनल कोल वेज एग्रीमेंट से परे मेडिकल अनफिट, पेंशन आदि लंबित मुद्दों को उठाया गया।
सीआईएल प्रबंधन ने लंबित विषयों पर कहा कि अगली बैठक में इसके निराकरण को लेकर चर्चा की जाएगी।
सीआईएल चेयरमैन प्रमोद अग्रवाल ने कोल सेक्टर की चुनौतियों का जिक्र किया। बताया गया है कि उन्होंने वेतन समझौते के जल्द संपादन की बात कही है।
जानकारी मिली है कि जेबीसीसीआई की अगली बैठक सितम्बर में होगी। एचएमएस के नेता और जेबीसीसीआई सदस्य नाथूलाल पांडेय ने बताया कि बैठक में जनरल मुद्दों पर ही चर्चा हुई है।
एटक के जेबीसीसीआई सदस्य लखनलाल महतो ने बताया कि श्रमिक संगठनों के प्रतिनिधियों ने सौंपे गये मांग पत्र के मुद्दों को उठाया। ग्रेच्युटी, पेंशन, 9:4:0, 9:3:0, कैडर स्कीम सहित तमाम मुद्दे लोगों ने अपने अंदाज में लोगों ने उठाया। जमीन, आवास के भी मुद्दे उठे। अगली बैठक सितंबर माह में होगी।
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एटक के अध्यक्ष रमेंद्र कुमार ने कोरोना काल का स्पेशल लीव देने का मुद्दा उठाया। श्रमिक प्रतिनिधियों ने कोरोना से काल के गाल में समा चुके कामगारों को बेहतर मुआवजा देने की मांग की।
बीएमएस के प्रतिनिधियों ने कहा कि सीआईएल और एससीसीएल प्रबंधन को जल्द और सार्थक एनसीडब्ल्यूए-11 समझौते के लिए लगातार बैठकें करें। सभी कोविड संक्रमित स्थायी कामगार और संविदा श्रमिकों को 15 दिनों का विशेष आकस्मिक अवकाश दिया जाए।
ठेका कर्मियों को उच्चाधिकारी समिति का वेतन दिया जाए। सिंगरेनी कंपनी कोरोना के कारण मरने वाले ठेका श्रमिकों के परिवारों को 15 लाख रुपये की अनुग्रह राशि का भुगतान करे। कोरोना के कारण मरने वाले श्रमिकों के परिवारों को कर्मचारी की काल्पनिक सेवानिवृत्ति तक कंपनी क्वार्टर में रहने की अनुमति दी जानी चाहिए। उचित गारंटी न्यूनतम पेंशन होनी चाहिए, क्योंकि हजारों श्रमिकों को 1,000 रुपये से कम की पेंशन मिल रही है।
01 जनवरी, 2016 से 20 लाख रुपये तक की ग्रेच्युटी बढ़ाने की लंबित मांग को स्वीकार किया जाना चाहिए। एनसीडब्ल्यूए-10 के सभी बिंदुओं को जल्द से जल्द लागू किया जाए। पर्याप्त चिकित्सा डॉक्टरों और कर्मचारियों की भर्ती की जाए।
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