नई दिल्ली, 25 जून। “जेबीसीसीआई की 5वीं बैठक में मिनिमम गारंटेड बेनिफिट (MGB) को लेकर कोल इंडिया लिमिटेड की बैलेंस शीट के आधार पर चर्चा होगी। मुनाफे में कामगारों को बराबरी का हिस्सा मिले, इसके लिए प्रबंधन पर दबाव बनाया जाएगा”।
शनिवार को भारतीय मजदूर संघ (BMS) के राष्ट्रीय सचिव एवं जेबीसीसीआई सदस्य सुरेन्द्र कुमार पांडेय ने industrialpunch.com से चर्चा में यह बात कही।
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श्री पांडेय ने कहा कि 22 अप्रेल को जब जेबीसीसीआई की चौथी बैठक हुई तब कोल इंडिया (CIL) का वित्तीय वर्ष 2021- 22 का लेखा- जोखा नहीं आया था। केवल उत्पादन के आंकड़े सामने आए थे। अब 5वीं बैठक से पहले सीआईएल की वित्तीय स्थिति स्पष्ट हो चुकी है। कंपनी को 17 हजार 378 करोड़ रुपए का मुनाफा हुआ है। इसमें 36.8 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। वित्त वर्ष 2022 के दौरान कोल इंडिया का कंसॉलिडेटेड रेवेन्यू 22 फीसदी बढ़कर 1,09,714 करोड़ रुपए रहा। ऐसे में सीआईएल की पूरी बैलेंस शीट के हिसाब से वेतन समझौते को लेकर बात होगी। कोल इंडिया लिमिटेड और इसकी अनुषांगिक कंपनियां एक यूनिट है न की अलग- अलग कंपनियां। प्रबंधन यह बात नहीं कह सकता कि फलां अनुषांगिक कंपनी घाटे मेंं है, क्योंकि नियम ऐसा नहीं कहता।
जेबीसीसीआई सदस्य सुरेन्द्र पांडेय ने बताया कि हाल ही में संपन्न हुई एपेक्स जेसीसी की बैठक में सीआईएल चेयरमैन ने कहा था कि वर्तमान में कोयला उत्पादन का जो ग्रोथ बना हुआ है, आगे भी बरकरार रहता है तो 750 मिलियन टन के आंकड़े तक पहुंचा जा सकता है।
श्री पांडेय ने कहा कि ट्रेंड बता रहा है कि उत्पादन की स्थिति अच्छी है। बारिश में उत्पादन थोड़ा प्रभावित होता है। बारिश के बाद भी यही ट्रेंड बना रहा तो 750 मिलियन टन तक पहुंचा जा सकता है, लेकिन प्रबंधन को यह समझना होगा कि उत्पादन का ग्रोथ बेहतर है तो इसके पीछे प्रबंधन की रणनीति के साथ ही कामगारों की कड़ी मेहनत भी है। इसलिए मुनाफे में बराबरी का हकदार कोयला कामगार भी है।
बीएमएस नेता ने कहा वे सीआईएल प्रबंधन से उम्मीद करेंगे कि 3 फीसदी एमजीबी जैसे ऑफर वाला भद्दा मजाक दोबारा नहीं होगा। ढाई दशक से मैं वेतन समझौते को देख रहा हूं। ऐसा पहल बार हुआ था कि प्रबंधन ने 3 प्रतिशत एमजीबी का प्रस्ताव रख अशोभनीय हरकत की थी।
श्री पांडेय ने कहा कि यूनियन चाहता है अतिशीघ्र वेतन समझौता हो जाए, लेकिन सम्मानजनक तरीके से। यदि इसमें समय लगता हो तो लगे, यूनियन द्वारा कामगारों के हित में ही वेतन समझौता कराया जाएगा।
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बीसीसीएल और सीएमपीडीआई के विनिवेश के मुद्दे पर चर्चा किए जाने की बात को लेकर श्री पांडेय ने कहा कि जेबीसीसीआई इसका फोरम नहीं है। यदि कोई बात करना चाहता है तो की जा सकती है। इस मुद्दे के लिए दूसरी समितियां हैं।
यहां बताना होगा कि जेबीसीसीआई की अब तक चार बैठकें हो चुकी हैं। इन बैठकों में मिनिमम गारंटी बेनिफिट को लेकर बात आगे नहीं बढ़ सकी है। 5वीं बैठक एक जुलाई को हैदराबाद में होने जा रही है। जेबीसीसीआई की पहली बैठक 17 जुलाई, 2021 को हुई थी। द्वितीय बैठक 15 नवम्बर और तृतीय, चौथी बैठक क्रमशः 16 फरवरी, 22 अप्रेल, 2022 को हुई।
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