नई दिल्ली, 03 अगस्त। कोयला खदान बाहुल्य वाले राज्य रायल्टी, डीएमएफ सहित अन्य करों से करोड़ों रुपए का राजस्व अर्जित कर रहे हैं, इनमें प्रमुख राज्य है झारखंड।
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बीते वित्तीय वर्ष 2021- 22 में झारखंड ने कोयला खदानों के माध्यम से 10 हजार 339 करोड़ 44 लाख रुपए का राजस्व प्राप्त किया है। जबकि 2021- 22 में आठ हजार 654 करोड़ 79 लाख रुपए का राजस्व मिला था।
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झारखंड में कोल इंडिया (CIL) की अनुषांगिक कपंनी भारत कोकिंग कोल लिमिटेड (BCCL), सेंट्रल कोलफील्ड्स लिमिटेड (CCL) तथा ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड (ECL) की कोयला खदानें स्थित हैं। देखें दो वर्ष के राजस्व के आंकड़े :
विवरण- 2021- 22
- रॉयल्टी – 3,028.27
- डीएमएफ – 914.01
- एनएमईटी – 60.53
- माल और सेवा करः
-सीजीएसटी – 492.98
-एसजीएसटी – 492.98
-आईजीएसटी – 7.15 - जीएसटी मुआवजा उपकर – 4,668.37
- कोयले पर उपकर – 13.55
- राज्य बिक्री कर / वैट – 1.17
- केंद्रीय विक्री कर – 0.19
- अन्य – 660.26
- कुल – 10,339.44
विवरण- 2020-21
- रॉयल्टी – 2,558.36
- डीएमएफ – 738.69
- एनएमईटी – 60.91
- माल और सेवा करः
-सीजीएसटी – 425.67
-एसजीएसटी – 425.67
-आईजीएसटी – 18.87 - जीएसटी मुआवजा उपकर – 4,098.56
- कोयले पर उपकर – —-
- राज्य बिक्री कर / वैट – 0.85
- केंद्रीय विक्री कर – 5.05
- अन्य – 322.16
- कुल – 8,654.79
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