जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय छात्र संघ के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार और गुजरात के निर्दलीय विधायक जिग्नेश मेवानी मंगलवार को कांग्रेस में शामिल हो गए। शहीद-ए-आजम भगत सिंह की जयंती के अवसर पर इन दोनों युवा नेताओं ने कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी की मौजूदगी में देश की सबसे पुरानी पार्टी की सदस्यता ग्रहण की।
इसके बाद कांग्रेस संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल, पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला और कांग्रेस के बिहार प्रभारी भक्त चरण दास ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में दोनों नेताओं का पार्टी में स्वागत किया।
कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल ने कहा कि हम इस देश पर शासन करने वाली फासीवादी ताकतों को हराने के लिए इन युवा नेताओं कुमार और मेवानी के साथ काम करने के लिए उत्सुक हैं।
वेणुगोपाल ने कहा, “कन्हैया कुमार इस देश में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की लड़ाई के प्रतीक हैं। उन्होंने एक छात्र नेता के रूप में कट्टरवाद के खिलाफ लड़ाई लड़ी। इस तरह के गतिशील व्यक्तित्व के शामिल होने से कांग्रेस का पूरा कैडर जोश से भर जाएगा।”
पार्टी में शामिल होने के बाद कन्हैया कुमार ने कहा, “मैं कांग्रेस में शामिल हो रहा हूं, क्योंकि ये सिर्फ एक पार्टी नहीं है, ये एक विचार है। ये देश की सबसे पुरानी और सबसे लोकतांत्रिक पार्टी है और मैं “लोकतांत्रिक” पर जोर दे रहा हूं… मैं ही नहीं कई लोग सोचते हैं कि देश कांग्रेस के बिना नहीं रह सकता।”
कन्हैया ने आगे कहा, “मुझे ये महसूस होता है कि देश में कुछ लोग सिर्फ लोग नहीं हैं, वो एक सोच हैं। वो देश की सत्ता पर न सिर्फ काबिज हुए हैं, देश की चिंतन परंपरा, संस्कृति, मूल्य, इतिहास, वर्तमान, भविष्य खराब करने की कोशिश कर रहे हैं।”
मूल रूप से बिहार से ताल्लुक रखने वाले कन्हैया JNU में कथित तौर पर देशविरोधी नारेबाजी के मामले में गिरफ्तारी के बाद सुर्खियों में आए थे। वह पिछले लोकसभा चुनाव में बिहार की बेगूसराय लोकसभा सीट से केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह के खिलाफ CPI के प्रत्याशी के तौर पर चुनाव मैदान में उतरे थे, हालांकि उन्हें हार का सामना करना पड़ा था। दूसरी तरफ, दलित समुदाय से ताल्लुक रखने वाले जिग्नेश गुजरात के वडगाम विधानसभा क्षेत्र से निर्दलीय विधायक हैं।