कर्नाटक विधानसभा चुनाव के लिए सभी 224 सीटों पर मतदान शुरू हो चुका है। मुकाबला भाजपा, कांग्रेस और जेडीएस के बीच है। मतगणना 13 मई को होगी।
भाजपा ने सत्ता में वापसी के लिए पूरी ताकत झोंक दी है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सहित पार्टी के बड़े नेताओं ने राज्यभर में 400 से ज्यादा रैलियां की और 100 से अधिक रोड शो भी किए गए। भाजपा ने प्रचार के अंतिम दिनों में हिन्दुत्व का जबरदस्त कार्ड खेला। भाजपा ने बजरंगदल, बजरंगबली को मुद्दा बनाया। प्रचार का ज्यादातर हिस्सा हिन्दु- मुल्लिम और कांग्रेस पर केन्द्रीत रहा।
कांग्रेस ने भी अक्रामक प्रचार किया। सत्तारूढ़ भाजपा को 40 प्रतिशत कमीशन के आरोपों से जमकर घेरा गया। राहुल, प्रियंका, सोनिया गांधी ने राज्यभर में 31 से ज्यादा रैलियां की।
2018 के चुनाव में भाजपा ने 104, कांग्रेस ने 78 और जेडीएस ने 37 सीटें जीती थीं। भाजपा ने सरकार बनाने का दावा ठोका और येदियुरप्पा को 17 मई को सीएम पद की शपथ दिलाई गई, लेकिन सदन में बहुमत साबित नहीं कर पाने के कारण 23 मई को इस्तीफा देना पड़ा। बाद में कांग्रेस और जेडीएस ने गठबंधन की सरकार बनाई। 14 माह बाद कांग्रेस और जेडीएस के कुछ विधायकों ने बगावत कर दी। सीएम कुमारस्वामी को कुर्सी छोड़नी पड़ी। बगावत करने वाले विधायकों के साथ मिलकर भाजपा ने सरकार बनाई।
इधर, मतदान सुबह सात बजे से प्रारंभ हुआ है जो शाम छह बजे तक चलेगा। मतदान के जरिये 224 सीटों के लिए कल दो हजार 615 उम्मीदवारों के राजनीतिक भाग्य का फैसला होगा। पांच करोड 38 लाख 85 हजार से अधिक मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग कर सकेंगे। राज्य में 37 हजार, सात सौ 77 स्थानों पर 58 हजार, पांच सौ 45 मतदान केन्द्र बनाये गये हैं। राज्य में पहली बार मतदान करने वालों की संख्या 11 लाख, 71 हजार, पांच सौ 58 है। तीन लाख से अधिक चुनावकर्मी, राज्य पुलिस के 84 हजार कर्मी तथा 58 हजार से अधिक केन्द्रीय सशस्त्र पुलिस बल के जवान कल सुरक्षा ड्यूटी के लिए तैनात किए गए हैं। मतदान केन्द्रों में रैम्प, पेयजल, शौचालय, विश्राम केन्द्र और पार्किंग की सुविधा उपलब्ध कराई गई है।