करतारपुर गलियारे को 20 महीनों के बाद आज से फिर खोल दिया गया है। अटारी-वाघा सीमा होते हुए सिख तीर्थयात्री बिना किसी वीजा के पाकिस्तान स्थित करतारपुर गुरुद्वारा का दर्शन कर सकेंगे।
गृहमंत्री अमित शाह ने ट्वीट कर बताया कि करतारपुर गलियारा के दोबारा खुल जाने से बड़ी संख्या में सिख यात्री वहां की यात्रा कर सकेंगे। श्री शाह ने कहा कि यह निर्णय, श्री गुरुनानक देव जी और सिख समुदाय के प्रति मोदी सरकार के सम्मान और श्रद्धा का प्रतीक है। उन्होंने कहा कि राष्ट्र इस महीने की 19 तारीख को श्री गुरु नानक देव जी का प्रकाश उत्सव मना रहा है और इसकी पूरी तैयारी कर ली गई है।
पंजाब के पूर्व मु्ख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने इस निर्णय के लिए प्रधानमंत्री और गृहमंत्री का धन्यवाद किया है। उन्होंने अपने ट्वीट में कहा है कि इससे हजारों श्रद्धालुओं को गुरूपर्व के अवसर पर करतारपुर साहिब जाकर श्रद्धांजलि अर्पित करने का अवसर मिलेगा।
पंजाब में भारतीय जनता पार्टी के नेताओं ने भी राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद और अमित शाह से मिलकर करतारपुर साहिब गलियारा खोलने का अनुरोध किया था।
1999 में पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने पाकिस्तान के तत्कालीन प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के समक्ष करतारपुर साहिब के दर्शन के लिए एक विशेष गलियारा बनाने का प्रस्ताव रखा था।
इससे पहले भारत के सिख यात्रियों को बस से लाहौर और फिर वहां से करतारपुर साहिब जाना पड़ता था। इस तरह उन्हें लगभग 125 किलोमीटर का रास्ता तय करना पड़ता था। 9 नवंबर 2019 को 550वें प्रकाशपर्व के अवसर पर करतारपुर गलियारे का उद्घाटन किया गया था।
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