कोरबा, 11 अगस्त। शुक्रवार को छत्तीसगढ़ किसान सभा और भू विस्थापित संगठन ने सयुक्त रूप से एसईसीएल के कुसमुंडा महाप्रबंधक कार्यालय का घेराव किया। श्रद्धांजलि अर्पित करने और कार्यालय घेराव में 40 से अधिक गांव के भू विस्थापित किसान शामिल हुए।
आंदोलनकारियों ने पहले नरईबोध गोलीकांड की 26 वीं बरसी के अवसर गोपाल एवं फिरतु दास को श्रद्धांजलि अर्पित की। इसके बाद लंबित रोजगार प्रकरणों का तत्काल निराकरण, बसावट, प्रत्येक खातेदारों को रोजगार एवं भू विस्थापितों की अन्य मूलभूत मांगो को लेकर संघर्ष तेज करने के संकल्प के साथ कुसमुंडा महाप्रबंधक कार्यालय का घेराव किया गया।
घेराव के दौरान तीन बार प्रबंधन ने कानूनी कार्रवाई की चेतावनी भी दी जिस पर भू विस्थापितों ने कहा की 26 साल पहले भी दो भू विस्थापितों पर गोली चलवा कर मार चुके हो फिर गोली चलवा लो या जेल भेज दो घेराव समाप्त नहीं होगा प्रबंधन के धमकी के बाद भी 10 घंटे घेराव चला। पिछले घेराव को देखते हुए प्रबंधन ने जिला प्रशासन से मदद मांगी थी। घेराव को रोकने के लिए कुसमुंडा थाना प्रभारी के नेतृत्व में बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात था। फिर भी भू विस्थापित कुसमुंडा मुख्यालय का 10 घंटे घेराव करने में सफल रहे। दिन भर तेज बारिश ने भी भू विस्थापितों को घेराव से नहीं रोक सकी।
घेराव को संबोधित करते हुए किसान सभा के जिला सचिव प्रशांत झा ने कहा कि 11 अगस्त, 1997 में एसईसीएल कुसमुंडा खदान के लक्ष्मण परियोजना के लिए जमीन अधिग्रहण का ग्रामीणों द्वारा शांति पूर्ण विरोध किया जा रहा था। विरोध कर रहे ग्रामीणों और प्रशासनिक अधिकारियों के बीच शांतिपूर्ण वार्तालाप के दौरान चुपचाप और निहत्थे बैठे किसानों के ऊपर दमनात्मक कार्यवाही करते हुए एसईसीएल को जमीन सौंपने के लिए पुलिस ने गोली चलवा दी थी जिसमें दो भूविस्थापित गोपाल एवं फिरतु दास की मौत हो गई और दर्जनों गंभीर रूप से घायल हो गए थे।
छत्तीसगढ़ किसान सभा और भू विस्थापित रोजगार एकता संघ द्वारा एसईसीएल के खदानों से प्रभावित भू विस्थापित किसानों की लंबित रोजगार प्रकरणों का तत्काल निराकरण,बसावट एवं प्रभावित गांव में मूलभुत सुविधा उपलब्ध कराने के साथ 11 सूत्रीय मांग को लेकर बिलासपुर के अधिकारियों को सीएमडी के नाम ज्ञापन सौंप कर 10 दिनों में सकारात्मक पहल करने की मांग की गई थी, लेकिन सीएमडी द्वारा कोई पहल अभी तक नहीं होने से भू विस्थापितों में एसईसीएल के प्रति काफी आक्रोश है। किसान सभा लगातार भू विस्थापितों की समस्याओं को लेकर आंदोलनरत हैं।
किसान सभा के नेता दीपक साहू ने कहा कि भू विस्थापित रोजगार के लंबित प्रकरणों का निराकरण की मांग करते हुए थक गए हैं अब अपने अधिकार को छिन कर लेने का समय आ गया है।