नई दिल्ली, 28 नवम्बर। असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों को मृत्यु होने पर या चोट लगने के मामले में मुआवजा निर्धारित करने और वितरित करने के लिए मापदंड और प्रक्रिया क्या है, जानें :

कार्यस्थल पर दुर्घटना के दौरान कामगारों की मृत्यु होने के मामले में मृतक कामगार के परिवार को मुआवजा प्रदान करने संबंधी प्रावधान का संचालन कर्मचारी प्रतिकर अधिनियम, 1923 के अंतर्गत किया जाता है। कर्मचारी प्रतिकर अधिनियम, 1923 के अंतर्गत संबंधित राज्य सरकारें कार्यान्वयन एजेंसियां होती हैं जिन्हें मुआवजे का निर्धारण करने के लिए कर्मचारी प्रतिकर अधिनियम, 1923 की धारा 20 के अंतर्गत ’आयुक्त’ की नियुक्ति करने का अधिकार होता है। अतः संबंधित राज्य सरकारों दवारा डेटा का रख-रखाव किया जाता है। कर्मचारी प्रतिकर अधिनियम, 1923 को सामाजिक सुरक्षा संहिता, 2020 में समामेलित कर दिया गया है।

इसके अतिरिक्त असंगठित कामगारों/ उनके परिवारों को राज्य/संघ राज्य क्षेत्रों द्वारा तैयार और प्रशासित कल्याणकारी योजनाओं के उपबंधों के अनुसार मुआवजा प्रदान किया जाता है। मुआवजे की राशि राज्य-दर-राज्य अलग-अलग होती है और संबंधित योजनाओं के उपबंधों के अनुसार वितरित की जाती है।

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