कोरबा (छत्तीसगढ़), 09 जुलाई। ईरेक्टर हॉस्टल कोरबा पश्चिम के सभागार में कोरबा पूर्व, कोरबा पश्चिम तथा मड़वा तेंदूभांठा विद्युत संयत्रों के भूविस्थापित कर्मचारियों ने संयुक्त रूप से कटघोरा विधायक पुरुषोत्तम कंवर का सम्मान किया।
यह सम्मान 2016 लंबित वेतन पुनरीक्षण का लाभ दिलाये जाने के लिए सकारात्मक प्रयास हेतु आभार ज्ञापित करने के क्रम में किया गया। इस दौरान मुख्यमंत्री भूपेश बघेल तथा पावर कंपनीज के अध्यक्ष अंकित आनंद के प्रति भी आभार प्रकट किया गया।
कर्मचारियों की ओर से अटल मड़वा- तेंदूभांठा संयंत्र से पधारे महेंद्र राठौर, राघवेन्द्र राठौर, धर्म प्रकाश तिवारी, कोरबा पूर्व संयंत्र से आये सुनील कर्ष, रजनीकांत कुर्रे, संजय दिव्य, उदय राठौर तथा कोरबा पश्चिम संयंत्र की ओर से शब्बीर मेमन, गणेश जायसवाल, कीर्तन मार्बल, मोहन कंवर, आदि ने संबोधित करते हुए कंपनी प्रबंधन द्वारा भूविस्थापित कर्मचारियों के साथ किए जा रहे अन्याय और दोहरे मापदंड निर्धारित करने की दुर्भावनापूर्ण नीति अपनाये जाने को लेकर विधायक शासन द्वारा हस्तक्षेप कर न्याय संगत कार्यवाही कराये जाने का अनुरोध किया।
भूविस्थापित कर्मचारियों के प्रति हो रहे भेदभाव को रेखांकित करते हुए शब्बीर मेमन ने बतलाया कि कंपनी द्वारा अपने 17000 कर्मचारियों के लिए वर्ष 2014 एवं केंद्र द्वारा घोषित 7वें वेतनमान के आधार पर वर्ष 2016 से वेतन पुनरीक्षण आदेश वर्ष 2017 में जारी किया गया था जिसका लाभ केवल भूविस्थापित कर्मचारियों को छोड़कर सभी को समान रुप से प्रदान किया गया था। वेतन पुनरीक्षण के एरियर्स की राशि भी प्रदान कर दी गई, जो कि अरबों रूपयों में थी, किंतु भूविस्थापित कर्मचारियों को जिन्होंने उन समस्त कर्मचारियों का पे फिक्सेशन कर एरियर्स का भुगतान कराने में अहम योगदान दिया था, का वेतन पुनरीक्षण 2 वर्ष के पश्चात 2019 में जारी किया। वह भी विसंगतिपूर्ण था जिससे इन कर्मचारियों को कोई लाभ नहीं हुआ था।
कटघोरा विधायक के प्रयास से इस वेतन पुनरीक्षण का संशोधन आदेश 1 माह पूर्व ही जारी तो किया गया, किंतु वर्ष 2014 के स्थान पर वर्ष 2016 से और इस आदेश में वर्ष 2016 से वर्ष 2022 तक के वेतन के अंतर की एरियर्स राशि नहीं प्रदान किए जाने का फरमान भी जारी कर एक फिर से बार इन कर्मचारियों के साथ अन्याय किया है। साथ ही कंपनी प्रबंधन द्वारा इन कर्मचारियों को परेशान किये जाने के उद्देश्य से पूर्व से कार्यरत कार्यालयीन कर्मचारियों हेतु 10000 की डिप्रेशन की कम्प्यूटर टाइपिंग परीक्षा को पास करने की बाध्यता रखी है। इस परीक्षा में किसी प्रकार का पासिंग मार्क्स नहीं रखा गया है। कोई कर्मचारी 9999 की डिप्रेशन की भी गति रखता है उसे फेल माना जाता ह।ै यह भी स्पष्ट रूप से भूविस्थापित कर्मचारियों को प्रताड़ित करने ही नीति है। इन प्रताड़नाओं को समाप्त कराते हुए वेतन पुनरीक्षण अनुसार वर्ष 2016 से वेतन एरियर्स की राशि प्रदान कराये जाने का निवेदन किया।
अपने संबोधन में कटघोरा विधायक कंवर ने कहा कि इस सम्मान के असली अधिकारी प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और पावर कंपनीज के अध्यक्ष अंकित आनंद जी हैं। एक जनप्रतिनिधि होने की हैसियत से उन्होंनें क्षेत्र की जनता के प्रति अपने उत्तरदायित्व का ही निर्वहन किया है। श्री कंवर ने कर्मचारियों की समस्याओं पर कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि जिन ग्रामीणों की जमीनों पर संयंत्र स्थापित किये गये हैं, उन्हीं लोगों को कर्मचारी के रूप प्रताड़ित होना पड़ रहा है। यह पूर्ववर्ती सरकार के दौरान लिए गलत निर्णय का परिणाम है और मैं इन विसंगतियों के शीघ्र निराकरण के लिए शासन स्तर पर जो भी कार्यवाही आवश्यक होगी उसके लिए मुख्यमंत्री से विशेष अनुरोध करूंगा। पावर कंपनी में पुरानी पेंशन योजना शीघ्र लागू हो इसके लिए भी कंपनी प्रबंधन से संवाद कर प्रयास करेंगे ।
सम्मान कार्यक्रम विशेष रूप से ग्राम छिरहुट से जन्मेजय सिंह कंवर (गौंटिया), रामशरण सिंह, रमेश अहीर, घनश्याम पटेल, रमेश साहू, दयाल देवांगन, रामगोपाल यादव, मनरूप कंवर, मणिशंकर गांगुली, राजू सारथी, अमृत डहरिया, उमेश मिसरा, पुष्पेंद्र भारिया, बसंत महंत, शिवशंकर सिहानी, थानेश, मधुकर, चंद्र कुमार, विष्णु कंवर, आदि के बड़ी संख्या में कर्मचारीगण उपस्थित रहे।
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