कोरबा, 22 जुलाई। छत्तीसगढ़ के कोरबा जिले में स्थित लैंको अमरकंटक पावर लिमिटेड (Lanco Amarkantak Power Limited) द्वारा भू- अधिग्रहण के विस्थापितों के रोजगार का मुद्दा विधानसभा में गूंजा है। रामपुर के कांग्रेसी विधायक फूलसिंह राठिया ने इस संदर्भ में राजस्व मंत्री से लिखित सवाल किया।
इसे भी पढ़ें : छत्तीसगढ़ : कोरबा जिले के इस गांव में होगी यूरेनियम और लिथियम की खोज
फूलसिंह राठिया ने कहा कि लैंको अमरकंटक पावर लिमिटेड, पताढ़ी की इकाई 3, 4, 5, 6 के लिए लगभग 1759 भू स्वामियों से भूमि अधिग्रहण की गई है। भू- विस्थापित परिवार के सदस्यों को रोजगार की व्यवस्था की गई है या नहीं। क्या छत्तीसगढ़ पुनर्वास नीति के तहत 2.6 वर्षों के उपरांत भू स्वामियों को जीवन-यापन भत्ता व्यवस्था कराना होता है? यदि हां तो कपनी द्वारा क्या कोई व्यवस्था की गयी? विधायक ने पूछा कि यदि कंपनी द्वारा रोजगार व जीवन-यापन भत्ता नहीं दिया जा रहा है तो क्या भूमि अधिग्रहण दिनांक से भू स्वामियों को जीवन-यापन भत्ता दिया जाएगा या फिर भू स्वामियों को उनकी भूमि वापस की जाएगी?
इसे भी पढ़ें : छत्तीसगढ़ : CM साय ने 1 हजार करोड़ रुपए का अनुदान देकर बिजली बिल में 13% की वृद्धि रुकवाई
राजस्व मंत्री टंक राम वर्मा ने लिखित जवाब में बताया कि इच्छुक परिवार को अस्थायी रोजगार उपलब्ध कराया गया है। राजस्व मंत्री के अनुसार कंपनी का दिवालिया होने संबंधी न्यायालय में वाद विचाराधीन होने के कारण अन्य व्यवस्था नहीं की गई है। इकाई क्रमांक 3 एवं 4 के प्रभावित भू-विस्थापितों में अधिकांशतः लोगो की भूमि पूर्व में भी संयंत्र की इकाई क्रमांक 1 व 2 के लिए भी अधिग्रहित की गई है। जिसके एवज में भू- विस्थापितों को संस्थान में रोजगार प्रदान किया जा चुका है। जो कि विगत 15- 16 वर्षों से संयंत्र में कार्यरत हैं। पात्र भू-विस्थापितों को छत्तीसगढ़ शासन की आदर्श पुनर्वास नीति के तहत इकाई क्रमांक 3 एवं 4 के प्रचालन में आने के पश्चात् योग्यता एवं उपलब्धता अनुसार स्थायी रोजगार अथवा जीवन यापन भत्ता प्रदान किया जाएगा। वर्तमान में संयंत्र एनसीएलटी न्यायालय हैदराबाद के अधीन दिवालिया प्रक्रिया विचाराधीन है। न्यायालय के निर्णय अनुसार कार्यवाही की जाएगी।