बिलासपुर, 25 अक्टूबर (Industrial Punch Election Desk) : छत्तीसगढ़ का कोटा विधानसभा क्षेत्र (Kota Constituency), इस सीट पर 1951 से लेकर 2018 तक 16 चुनाव हो चुके हैं। भाजपा (BJP) के लिए इस सीट को भेदना एक चुनौती है, क्योंकि कोटा को पार्टी ने अब तक फतह नहीं किया है। 2013 तक यह सीट कांग्रेस के कब्जे में रही है। 2018 में कांग्रेस से अलग होकर अजीत जोगी द्वारा बनाई गई पार्टी जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे) ने कोटा पर जीत हासिल की थी।
2023 के चुनाव में भाजपा ने कोटा से दिवंगत दिलीप सिंह जुदेव के बेटे प्रबल प्रताप सिंह जुदेव को उम्मीदवार बनाया है। कांग्रेस (CONGRESS) से अटल श्रीवास्तव चुनाव लड़ रहे हैं।
जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे) से एक दफे फिर से डा. रेणु जोगी (Dr. Renu Jogi) चुनावी मैदान पर होंगी। डा. रेणु जोगी ने 2006 में कोटा विधानसभा के लिए हुए उपचुनाव में कांग्रेस उम्मीदवार के तौर पर पर पहली बार चुनाव जीता था। विधायक राजेन्द्र प्रसाद शुक्ला के निधन के बाद इस सीट पर उपचुनाव हुआ था।
2008 में हुए विधानसभा में कांग्रेस ने डा. रेणु जोगी को चुनाव लड़ाया था। इस चुनाव में डा. रेणु ने भाजपा उम्मीदवार मूलचंद खंडेलवाल को लगभग 11 हजार मतों के अंतर से पराजित किया था। 2013 के चुनाव में भी डा. रेणु जोगी जीत मिली थी। इस चुनाव में उन्होंने भाजपा के काशीराम को हराया था। 2018 के चुनाव के पहले अजीत जोगी ने कांग्रेस से अलग होकर अपनी पार्टी जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे) खड़ी की थी। डा. रेणु जोगी ने कोटा से 2018 का चुनाव जेसीसी के उम्मीदवार के तौर पर लड़ा और जीत प्राप्त की। उन्होंने भाजपा के काशीराम साहू को हराया था। 2018 के चुनाव में कांग्रेस तीसरे स्थान पर खिसक गई थी। पार्टी ने विभोर सिंह को यहां से उतारा था।
2023 का चुनाव अजीत जोगी के बगैर हो रहा है। ऐसे में देखना होगा कि उनकी पत्नी और JCC की सुप्रीमो डा. रेणु जोगी अपना प्रभाव कायम रख पाती हैं या नहीं। भाजपा द्वारा जुदेव परिवार के सदस्य को टिकट देने से कोटा का चुनाव दिलचस्प हो गया है। कांग्रेस के अटल श्रीवासत भी पूरा जोर मारेंगे। ऐसे में कोटा सीट का मुकाबला त्रिकोणीय होगा।