बिलासपुर, 01 जनवरी (Industrial Punch Desk) : चालू वित्तीय वर्ष की तीन तिमाही यानी नौ माह पूरे हो गए हैं। इस अवधि में एसईसीएल (SECL) का कोयला उत्पादन 111.54 मिलियन टन (MT) पर पहुंचा है। लक्ष्य तक पहुंचने के लिए कंपनी को 94.46 मिलियन टन और उत्पादन करना है।
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इधर, एसईसीएल के तीनों मोगा प्रोजेक्ट लक्ष्य से पीछे चल रहे हैं। ऐसे में चालू वित्तीय वर्ष के टारगेट 206 मिलियन टन तक पहुंचना एक चुनौती है। उत्पादन के मामले में सबसे खराब स्थिति कुसमुंडा माइंस (Kusmunda Mines) की है। अप्रेल से दिसम्बर, 2024 तक कुसमुंडा से 17.16 मिलियन टन उत्पादन दर्ज हुआ है। जबकि लक्ष्य 33.57 मिलियन टन का था। कुसमुंडा का सालाना लक्ष्य 52 मिलियन टन का है। एसईसीएल को लक्ष्य तक पहुंचने में कुसमुंडा का नेगेटिव ग्रोथ सबसे बड़ी बाधा बन रहा है।
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एसईसीएल की गेवरा (Gevra Mines) विश्व की दूसरी बड़ी खदान है। पहले नौ माह में इस खदान से 36.42 मिलियन टन कोयला उत्पादन दर्ज किया गया है। गेवरा के समक्ष अप्रेल से दिसम्बर तक का लक्ष्य 40.79 मिलियन टन था। वित्तीय वर्ष के लिए गेवरा के लिए 63 मिलियन टन का टारगेट निर्धारित है। गेवरा माइंस भी लक्ष्य से पीछे चल रही है।
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एसईसीएल के एक और मेगा प्रोजेक्ट दीपका खदान (Dipka Mines) भी लक्ष्य से पीछे है। चालू वित्तीय वर्ष के पहले नौ माह में इस खदान से 21.1 मिलियन टन कोयला उत्पादन हुआ। लक्ष्य 25.82 मिलियन टन का था। सालाना टारगेट 40 मिलियन टन का है।