कोरबा। झुग्गी झोपड़ी में रहने वाले हैं गरीबों को आबादी पट्टा मिलने का रास्ता छत्तीसगढ़ के राजस्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल ने साफ कर दिया है। इसे लेकर लोगों में खुशी की लहर है लेकिन भाजपाई से लेकर राजनीति कह रहे हैं। भाजपा प्रत्याशी लखनलाल देवांगन, गोपाल मोदी, राजीव सिंह अब लोगों को गुमराह कर रहे हैं।
दरअसल हमेशा की तरह भाजपाइयों को इस बार भी तथ्यों की कोई जानकारी नहीं है। पट्टा वितरण योजना आनन -फानन में एक रात में तैयार नहीं की जा सकती। इसके लिए सरकार के दर्जन भर से अधिक विभागों की अनापत्ति और अनुमति लेनी पड़ती है। राजस्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल खुद व्यक्तिगत ढंग से पूरे मामले की निगरानी करते हुए सभी विभागों से एनओसी की प्रक्रिया पूरी कराई।असली तथ्य यह है कि प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद से ही गरीबों को पट्टा देने की तैयारी शुरू हो चुकी थी। इस दिशा में लगातार कार्यवाही की जा रही थी, जो अब जाकर पूर्ण हुई है। पट्टा वितरण के लिए सरकार ने एक विशेष नियमावली तैयार की है। इसके लिए राजपत्र में नियमों का प्रकाशन कर दिया गया किया है। समस्त कलेक्टरों को निर्देश जारी किए हैं। कोरबा कलेक्टर ने भी हाल ही में पट्टा वितरण के लिए समीक्षा बैठक ली थी। कोरबा जिले में 15000 लोगों को पहले चरण में पट्टा मिलेगा जिसकी संख्या आगे चलकर और बढ़ेगी।
15 साल में नहीं बना सके नियम, अब कह रहे प्रक्रिया जटिल
पथरिपारा निवासी आरडी नायक का कहना है कि भाजपाईयों का आईक्यू इतना कमजोर है कि वह दरअसल नियमों को समझ नहीं पा रहे हैं। 15 साल तक उनकी सरकार रही। लेकिन गरीबों और झुग्गी झोपड़ी में रहने वाले लोगों के लिए वह कोई नियम नहीं बना सके। 15 साल तक गरीब भाजपा नेताओं के चक्कर काटते रहे। जिले से लेकर राज्य तक यह मुद्दा छाया रहा। लेकिन भाजपाइयों ने इस दिशा में कोई पहल नहीं की, कोई नियम नहीं बनाया और अब जब पट्टा वितरण के लिए कांग्रेस ने एक नियम बना दिया है। तब भाजपा नेता कह रहे हैं, कि सबको पट्टा मिलना चाहिए। नियम जटिल हैं। जो लोग 15 साल में कोई नियम नहीं बना सके। अब वह नियमों को जटिल और आसान करने की बात करें, तो यह उन्हें शोभा नहीं देता। उन्हें अपने गिरेबान में झांककर देखना चाहिए कि उन्होंने 15 साल किस तरह से गरीबों को छला है। झूठ बोलकर और फर्जी फॉर्म भरवाकर उन्हें मूर्ख बनाया है।
एसईसीएल की जमीन सरेंडर, अन्य विभागों की जमीन में बसे हुए लोगों को भी मिलेगा पट्टा
त्रिलोचन राठौर ने कहा कि भाजपाइयों को नियम समझने में थोड़ा समय लगता है वह सिर्फ और सिर्फ लोगों को बरगला रहे हैं। राजस्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल की पहल पर एसईसीएल ने पहले ही जमीन सरेंडर कर दी है। एसईसीएल की जमीन पर जितने भी लोग बसे हुए हैं। उन्हें बेहद आसानी से पट्टा मिलेगा। इसके अलावा जो लोग एनटीपीसी, सिंचाई विभाग और अन्य विभागों की जमीन पर बसे हुए हैं। उन्हें भी आबादी पट्टा प्रदान किया जाएगा। दर्री डैम के निकट प्रगति नगर में 360 परिवार ऐसे हैं। जो एनटीपीसी की जमीन पर काबिज हैं। उन्हें पट्टा देने का काम पूर्ण भी किया जा चुका है। भाजपाइयों को इस तरह से जनता को गुमराह नहीं चाहिए। कम से कम लोगों के भले वाले सकारात्मक कार्यों की खुले मन से सराहना करनी चाहिए।
जो काम खुद नहीं कर पाए, वह पूर्ण हो रहा इसलिए है तकलीफ
फूलबाई का कहना है कि भाजपाइयों ने हाल ही में पट्टा के लिए आंदोलन किया था। इसमें एक फार्म लोगों को दिया गया। लेकिन इस फॉर्म का कोई औचित्य नहीं था। बीजेपी वाले इसी तरह से अपने शासन में 15 साल लोगों को बेवकूफ बनाते रहे। पट्टा वितरण के लिए कोई योजना नहीं लाई, कोई कार्यवाही, कोई पहल नहीं की। अब कांग्रेस सरकार ने इस काम को लगभग पूरा कर दिया है। नियम बनने के बाद लोगों के नाम फाइनल कर दिए गए हैं। पट्टा वितरण का काम शुरू किया जा रहा है। इसलिए भाजपाइयों को अधिक तकलीफ हो रही है। जो काम वह अपने सरकार के रहते 15 साल में पूरा नहीं कर पाए। वह काम 5 साल में कांग्रेस ने कर दिखाया है। तब इसे वह पचा नहीं पा रहे हैं। उनकी तकलीफ बाहर आ रही है। इसलिए वह बौखला कर उल्टे सीधे बयान दे रहे हैं। जबकि भाजपाई भी अंदर ही अंदर यह जानते हैं कि कांग्रेस की सरकार ने गरीबों और झुग्गी झोपड़ी निवासियों के हित में कितना बड़ा काम कर दिया है। जिससे कि उनका जीवन स्तर बदलेगा। उनकी आने वाली कई पीढियां को अपना घर मिलेगा और उनका सपना पूरा होगा।